02.08.2024 : जनता का राज्यपाल: जनता एवं मीडिया के साथ सकारात्मक जुड़ाव बढ़ाना (राज्यपाल सम्मेलन, राष्ट्रपति भवन, नई दिल्ली) 02-03 अगस्त, 2024
जनता का राज्यपाल: जनता एवं मीडिया के साथ सकारात्मक जुड़ाव बढ़ाना
(राज्यपाल सम्मेलन, राष्ट्रपति भवन, नई दिल्ली)
02-03 अगस्त, 2024
सम्मेलन की अध्यक्षता कर रही माननीया राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु जी, माननीय उप राष्ट्रपति महोदय, देश के यशस्वी प्रधानमंत्री माननीय श्री नरेंद्र मोदी जी, माननीय गृहमंत्री श्री अमित शाह जी, अलग-अलग प्रदेशों के राज्यपालगण, विभिन्न विभागों के पदाधिकारीगण एवं इस सदन में उपस्थित सभी सम्मानित सदस्य !
मैं बहुत ही सौभाग्यशाली हूँ कि मुझे ऐसे राज्य के सेवक के रूप में कार्य करने का सुअवसर प्राप्त हुआ है जिसे धर्म, संस्कृति, सभ्यता, समरसता एवं सामंजस्य के साथ-साथ अपनी अभूतपूर्व उपलब्धियों के लिए पूरी दुनिया में शुमार किया जाता है। ऐसे राज्य के जन-मन का सान्निध्य मिलना, निश्चित रूप से मेरे लिए गर्व और गौरव का विषय है।
हमारा मानना है कि राज्यपाल का दायित्व महज राजभवन और कार्यालय तक सीमित नहीं होना चाहिए। सच्चे अर्थों में देखें तो राज्यपाल की भूमिका एक जन-सेवक की है। जन-भावना को समझना और उनकी समस्याओं का समाधान करना हमेशा से राजभवन की कार्य-शैली का हिस्सा रहा है।
हमारा मानना है कि राजभवन का सीधा सरोकार जन-संवेदनाओं से है। हमारी कोशिश होनी चाहिए कि राजभवन के दरवाजे हमेशा वंचित और हाशिये के समाज का मूल स्वर बने। इस दिशा में हमें अपेक्षित और संतोषप्रद परिणाम हासिल हुए हैं। आपको अवगत कराते हुए हमें हार्दिक प्रसन्नता हो रही है कि राजभवन सिक्किम के प्रति यहाँ के आम जनमानस का अनुराग एवं अपनत्व-भाव अपेक्षाकृत सुदृढ़ हुआ है।
जनता के साथ सीधा संवाद स्थापित करके ही उनकी मूलभूत समस्याओं को समझा जा सकता है। ‘गाँव में गवर्नर’ कार्यक्रम के तहत भ्रमण के दौरान हमने यहाँ के सीमावर्ती गांवों की समस्याओं को बारीकी से समझने की कोशिश की। इस दौरान आम जनता के बीच जाकर हमने केंद्र एवं राज्य सरकार की योजनाओं के क्रियान्वयन के संदर्भ में भी जानकारी हासिल की। हमें इस बात का संतोष है कि आज समाज के अंतिम छोर पर रह रहे लोग भी केंद्र सरकार की महत्वपूर्ण योजनाओं से लाभान्वित हो रहे हैं।
संस्कृति का सीधा संबंध जन-भावना से है। स्थानीय संस्कृति को बढ़ावा देने के उद्देश्य से राजभवन सिक्किम की ओर से इस बीच कई ठोस प्रयास किए गए हैं। ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ की संकल्पना को दृष्टिगत रखते हुए राजभवन सिक्किम द्वारा भारत के प्रत्येक राज्यों की स्थापना दिवस को मनाने का निर्णय लिया गया है। हमें इस बात को साझा करते हुए हार्दिक प्रसन्नता हो रही है कि राजभवन की ओर से अब तक गुजरात, महाराष्ट्र, तेलांगाना, नागालैंड, उत्तराखंड, मणिपुर, मेघालय, त्रिपुरा एवं उत्तर प्रदेश समेत केंद्रशासित प्रदेश लद्दाख एवं जम्मू-कश्मीर के स्थापना दिवस समारोह संपन्न हो चुके हैं। इस उपक्रम के तहत संबंधित राज्य के जन-प्रतिनिधियों, आम जनता, शिक्षक-विद्यार्थी वर्ग एवं समाजसेवियों को आमंत्रित करके भव्य सांस्कृतिक समागम किए गए। निश्चित रूप से इसके माध्यम से विभिन्न संस्कृतियों के लोगों में समरसता के साथ भारत की एकता और अखंडता के भाव को स्थापित करना, राजभवन सिक्किम का अनूठा प्रयास रहा है।
एक जिम्मेदार नागरिक के रूप में पर्यावरण के प्रति संवेदनशील होना और आने वाली पीढ़ियों के लिए इसे सुरक्षित रखना, हम सब की सामूहिक ज़िम्मेदारी है। मुझे इस बात की प्रसन्नता है कि सिक्किम राज्य का जन-मन प्रकृति और पर्यावरण के प्रति बहुत ही सजग और सचेत है। सिक्किम पहले से ही कार्बन न्यूट्रल राज्य है। मैं इस बात से अभिभूत हूँ कि सिक्किम राज्य में ‘मेरो रुख, मेरो संतती’ पहल के तहत प्रत्येक शिशु के जन्म पर 108 वृक्ष लगाने का प्रावधान है। मेरे ख़याल से देश में अपने तरह की यह एक अभिनव पहल है जो बच्चे, अभिभावक एवं प्रकृति के बीच अटूट संबंध का प्रतीक है। राज्य सरकार के साथ राजभवन सिक्किम इस अनूठी पहल के साथ दृढ़ता से जुड़ा हुआ है।
सिक्किम राज्य का अपनी प्रकृति और संस्कृति से नाभिनाल संबंध है। अपनी अक्षुण्ण सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित, संवर्धित एवं इसके प्रति लोगों को जागरूक करने की दिशा में राजभवन सिक्किम द्वारा कई ठोस और महत्वपूर्ण अभियान चलाये गए हैं। प्राकृतिक एवं सांस्कृतिक विरासत की दृष्टि से सिक्किम राज्य का गौरवशाली इतिहास है। राजभवन सिक्किम अनेक उपक्रमों के जरिये गाँव-गाँव जाकर लोगों को सिक्किम की स्थानीय संस्कृति एवं सभ्यता को सहेजने की दिशा में निरंतर प्रेरित कर रहा है।
एक राज्यपाल के रूप में हमारे लिए ‘राज’ का अर्थ ‘जन-सेवा’ है और राज्यपाल की भूमिका एक जनसेवक की है। इसी धारणा के साथ राजभवन सिक्किम दृढ़ संकल्पित और प्रतिबद्ध है। विकसित भारत के लक्षित परिणाम तक पहुँचने हेतु राजभवन सिक्किम केंद्र सरकार की महत्वपूर्ण परियोजनाओं को सुचारु रूप से क्रियान्वित करने की दिशा में प्रतिबद्ध है। सशक्त और समृद्ध भारत के निर्माण में राजभवन सिक्किम की ओर से इस बीच ‘प्रधानमंत्री कृषि सम्मान निधि योजना’ एवं ‘सुकन्या समृद्धि योजना’ पर विशेष बल दिया जा रहा है। इन योजनाओं के क्रियान्वयन के क्रम में राजभवन सिक्किम जमीनी स्तर पर किसानों के बीच जनसंवाद स्थापित करते हुए उनकी मूलभूत समस्याओं का समाधान करने की दिशा में तत्पर है।
इस बीच राजभवन सिक्किम की ओर से हमारे द्वारा किसानों के बीच जाकर सीधे संपर्क स्थापित किया गया। मैं यह कह सकता हूँ कि उनकी आधारभूत समस्याओं को समझने में यह पहल बहुत ही कारगर सिद्ध हुई साथ ही इस दिशा में हमें संतोषप्रद सफलता प्राप्त हुई है।
सिक्किम की बालिकाओं के उज्ज्वल भविष्य को सुरक्षित एवं संरक्षित करने हेतु राजभवन सिक्किम ‘सुकन्या समृद्धि योजना’ के क्रियान्वयन की दिशा में निरंतर सक्रिय है। निश्चित रूप से इस योजना के क्रियान्वयन से सिक्किम की बेटियों का मनोबल एवं आत्मविश्वास और भी मजबूत हुआ है। यहाँ की बेटियों को सशक्त एवं आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में राजभवन सिक्किम विशेष रूप से संबद्ध है। इन योजनाओं के सुचारु क्रियान्वयन हेतु राजभवन सिक्किम के एक वरिष्ठ अधिकारी को नामित किया गया है।
राजभवन सिक्किम हमेशा से यहाँ की जन-भावनाओं के प्रति समर्पित रहा है। इस बीच श्रद्धेय श्री अटल बिहारी वाजपेयी के सम्मान में समर्पित ‘अटल अमृत उद्यान’ के विस्तारीकरण का कार्य किया गया। राजभवन सिक्किम की ओर से इस निष्प्रयोज्य स्थल को रोजगारोन्मुखी बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कार्य संपन्न हुआ। इस योजना के क्रियान्वयन से इन महिलाओं की दैनिक आय-स्त्रोत में उत्तरोत्तर वृद्धि हुई है। हमें इस बात की हार्दिक प्रसन्नता है कि इस पहल के माध्यम से स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिलाओं के लिए न सिर्फ रोजगार के अवसर सुलभ हुए, बल्कि ‘स्वनिर्भरता’ के साथ उनका आत्मविश्वास भी बढ़ा है।
वाइव्रेंट विलेज प्रोग्राम केंद्र सरकार की महत्वपूर्ण योजनाओं में से एक है। हमें अवगत कराते हुए हार्दिक प्रसन्नता हो रही है कि इस पहल के तहत सिक्किम राज्य के सीमावर्ती 46 गाँव अब ‘अंतिम गाँव’ न होकर देश के ‘पहले गाँव’ होने का गौरव-बोध कर रहे हैं। राजभवन, सिक्किम इन गांवों के बहुमुखी विकास की दिशा में निरंतर प्रतिबद्ध और दृढ़ संकल्पित है। यहाँ के जनमानस में अपने राष्ट्र के प्रति गहरा अनुराग है। हमें यह बात साझा करते हुए प्रसन्नता का अनुभव हो रहा है कि देश के सीमावर्ती गांवों के लोग अब पूरे आत्मविश्वास के साथ अपने को सुरक्षित एवं संवर्धित महसूस कर रहे हैं। निश्चित रूप से यह परिणाम माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की दूरदर्शिता का प्रतिफल है।
हम सब इस बात से परिचित हैं कि विकसित भारत के निर्माण में युवा वर्ग की भूमिका बहुत ही अहम है। उक्त संदर्भ को दृष्टिगत रखते हुए अकादमिक एवं शैक्षणिक क्षेत्रों का विकास राजभवन सिक्किम की पहली प्राथमिकता रही है। विकसित भारत के स्वप्न को साकार करने की दिशा में राजभवन सिक्किम लगातार सक्रिय और प्रतिबद्ध है। सिक्किम केंद्रीय विश्वविद्यालय राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 का पूर्णतया अनुपालन करने वाला पूर्वोत्तर भारत का पहला विश्वविद्यालय है, निश्चित रूप से यह सबके लिए बड़ी उपलब्धि है। मूल्य संवर्धन एवं गुणवत्तापरक शिक्षा को बढ़ावा देने हेतु राजभवन सिक्किम स्थानीय विश्वविद्यालयों के साथ लगातार संवाद स्थापित कर रहा है। इस कड़ी में राजभवन सिक्किम द्वारा निरंतर कई महत्वपूर्ण गोष्ठियों एवं सम्मेलनों का आयोजन किया जा रहा है। युवा वर्ग को सामाजिक और शैक्षणिक स्तर पर और अधिक सशक्त बनाने की दिशा में राजभवन सिक्किम की यह पहल अति उल्लेखनीय है।
सिक्किम के युवा वर्ग की प्रतिभा के प्रोत्साहन हेतु राजभवन सिक्किम की ओर कई महत्वपूर्ण योजनाएँ क्रियान्वित हो रही हैं। इस कड़ी में राजभवन सिक्किम की ओर से ‘राज्यपाल प्रतिभा प्रोत्साहन योजना’ का आरंभ होना, सिक्किम के युवाओं के लिए सुखद संकेत है। इस योजना के तहत भारतीय लोक सेवा आयोग परीक्षा हेतु विशेष प्रशिक्षण के लिए राज्य के प्रतिभावान शिक्षित युवाओं को एक पारदर्शी प्रक्रिया के तहत चिन्हित किया गया है। प्रथम चरण के अंतर्गत पाँच प्रतिभावान अभ्यर्थियों की चयन प्रक्रिया पूर्ण कर ली गई है। राजभवन सिक्किम की इस महत्वपूर्ण पहल के जरिये यह अभ्यर्थी नई दिल्ली स्थित भारतीय लोक सेवा आयोग से संबद्ध प्रतिष्ठित संस्थानों में प्रशिक्षित होकर इस पहल एवं योजना से लाभान्वित हो सकेंगे। निश्चित रूप से आत्मनिर्भर भारत के स्वप्न को साकार करने की दिशा में युवा प्रतिभाओं को लेकर राजभवन सिक्किम निरंतर सक्रिय और दृढ़ संकल्पित है।
इसी कड़ी में राजभवन सिक्किम द्वारा खेल एवं युवा कौशल विकास योजना को भी निरंतर विस्तार दिया जा रहा है। हम सब इस बात से परिचित हैं कि सिक्किम राज्य के युवाओं की राष्ट्रीय स्तर के खेलों में गहरी रुचि है। राज्य के युवा कौशल विकास को और अधिक संवर्धित एवं विकसित करने की दिशा में राजभवन की ओर से वार्षिक स्तर पर खेल संबंधी कई महत्वपूर्ण प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जा रहा है।
राजभवन सिक्किम ने यहाँ के युवा वर्ग की कलात्मकता एवं रचनात्मकता को निरंतर प्रोत्साहित करने का कार्य किया है। यह हम सबके लिए गर्व का विषय है कि अर्जुन पुरस्कार विजेता पद्मश्री तरुणदीप राई ने तीरंदाजी के क्षेत्र में बेहतरीन प्रदर्शन किया है। इससे न सिर्फ सिक्किम, अपितु वैश्विक स्तर पर सिक्किम राज्य का मान बढ़ा है।
यह हम सबके लिए सुखद है कि ‘राज्यपाल स्वर्णकप फुटबाल प्रतियोगिता’ बीते चार दशक से राजभवन सिक्किम की ओर से संचालित हो रही है। इसके अलावा पिछले चार वर्षों से लगातार ‘राज्यपाल बैडमिंटन कप प्रतियोगिता’ का आयोजन भी किया जा रहा है। हम यह कह सकते हैं कि राजभवन की ओर से नियमित रूप से संचालित हो रही इन प्रतियोगिताओं के जरिये खेल के क्षेत्र में सिक्किम के युवा वर्ग को विशेष प्रोत्साहन एवं लाभ मिल रहा है।
राजभवन सिक्किम अपनी प्रत्येक गतिविधि में जन भागीदारी को प्रमुखता देता रहा है। 13 फरवरी, 2024 से 18 फरवरी, 2024 तक राजभवन सिक्किम द्वारा ‘हाम्रो संकल्प, विकसित भारत, पुष्पित सिक्किम’ साप्ताहिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। विकसित भारत के स्वप्न को साकार करने की दिशा में इस कार्यक्रम के तहत स्वच्छता अभियान, रक्तदान एवं स्वास्थ्य शिविर जैसे कई महत्वपूर्ण आयोजन किए गए। इस कार्यक्रम में सिक्किम के आम जनमानस की सहभागिता बहुत ही संतोषप्रद रही है। निश्चित रूप से यह सहभागिता स्थानीय जनता का राजभवन सिक्किम के प्रति अनुराग एवं जुड़ाव की ओर संकेत करती है।
भाषा, साहित्य और संस्कृति के विस्तार के साथ उनके महत्व को रेखांकित करने की दिशा में राजभवन सिक्किम में द्वारा निरंतर विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। सिक्किम में लुप्त हो रही भाषाओं के संरक्षण को लेकर राजभवन सिक्किम लगातार अपने ढंग से अनूठे प्रयास कर रहा है।
हाल ही में राजभवन सिक्किम द्वारा ‘संस्कृत भाषा का विकास’ विषय पर केन्द्रित एक राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। काशी और सिक्किम के मध्य जन संवाद एवं भाषा सेतु के रूप में संपर्क स्थापित करने की दृष्टि से यह संगोष्ठी बहुत ही अहम रही।
सिक्किम दुनिया का पहला ओर्गेनिक स्टेट है। निश्चित रूप से इस उपलब्धि पूरा का श्रेय सिक्किम की जनता को जाता है। मैं यहाँ के लोगों की कर्तव्यनिष्ठा और अपने कार्य के प्रति उनकी जीवटता को देखकर अभिभूत हूँ। राज्य सरकार के द्वारा किए जा रहे इस अनूठे प्रयास में राजभवन सिक्किम निरंतर कदम से कदम मिलकर कार्य कर रहा है।
मीडिया के साथ हमारा जुड़ाव भी बेहद महत्वपूर्ण है। मीडिया वह माध्यम है, जो हमारी योजनाओं और प्रयासों को जनता तक पहुंचाता है। पारदर्शिता और सूचना के प्रसार में मीडिया की भूमिका निश्चित रूप से बहुत ही अहम है। हम मीडिया के सहयोग से जनता तक सही और सटीक जानकारी पहुँचाना चाहते हैं, ताकि वे हमारी योजनाओं और प्रयासों से अवगत हो सकें और उनका लाभ उठा सकें। इस दिशा में राजभवन सिक्किम कई महत्वपूर्ण पहलों के साथ सक्रिय रूप से निरंतर कार्य कर रहा है।
गुणवत्तापूर्ण दवाइयां उपलब्ध कराने के उद्देश्य से राज्य में जगह-जगह जन औषधि केंद्रों की स्थापना की गई है। सिक्किम के आमजन तक इस सुविधा का अधिकाधिक लाभ पहुंचे, राजभवन सिक्किम इसके प्रति दृढ़ संकल्पित है।
पहले राज्यपाल कार्यालय में बैठते थे, लेकिन अब राज्यपाल जनता के बीच जाकर लोगों से मिलते हैं और उनकी समस्याओं को सीधे सुनते हैं। वे जनता से संवाद स्थापित करने के लिए विभिन्न जिलों और गांवों में जाकर उनके मुद्दों को जानने के लिए प्रयास करते हैं। निश्चित रूप से इस बदलाव से राज्यपाल और जनता के बीच की दूरियाँ कम हुई हैं। हमें इस बात की खुशी है कि राजभवन सिक्किम और जनता के मध्य बेहतर तालमेल, समझ और सहयोग से प्रत्येक स्तर पर राज्य का सर्वांगीण विकास हो रहा है।
राजभवन सिक्किम आपदा के समय में सिक्किम की जनता के साथ हमेशा खड़ा रहा है। सिक्किम राज्य में 4 अक्टूबर, 2023 को आई बाढ़ त्रासदी की चपेट में चुंगथांग में रहने वाले कई लोगों ने अपने परिजनों को खो दिया। ऐसे कई परिवारों को राजभवन सिक्किम की ओर से गोद लिया गया है। उनकी पढ़ाई-लिखाई से लेकर सामाजिक एवं आर्थिक सुरक्षा संबंधी सभी व्यवस्था राजभवन सिक्किम द्वारा सुनिश्चित की गई है।
अंत में, मैं यह कहना चाहता हूँ कि देश के यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हमारा राज्य विकास पथ की ओर अग्रसर है। विकसित भारत के लक्षित संकल्प को पूर्ण करने हेतु सिक्किम की जनता निरंतर सजग और सक्रिय है। हमें विश्वास है, वर्ष 2047 में विकसित भारत के मानचित्र पर हमारे राज्य सिक्किम का नाम एक प्रतिनिधि के तौर पर अंकित होगा।
जय हिन्द ! जय सिक्किम !