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    08.03.2025 : अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर संबोधन

    Publish Date: March 8, 2025

    अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर संबोधन
    08 मार्च, 2025

    सिक्किम राज्य के लोकप्रिय मुख्यमंत्री श्री प्रेम सिंह तामाङ गोले जी
    राज्य सरकार के समस्त मंत्रीगण, विधायक एवं सलाहकारगण
    एवं उपस्थित मातृशक्ति !

    “यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते रमन्ते तत्र देवता”
    अर्थात्
    “जहां नारियों की पूजा होती है, वहां देवताओं का वास होता है ।”
    अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर उपस्थित सभी नारी शक्ति को अभिनंदन एवं वंदन करता हूँ । यह दिन हमें महिलाओं की अद्वितीय शक्ति, दृढ़ता और उपलब्धियों का जश्न मनाने का अवसर प्रदान करता है ।
    मातृशक्ति सदा से ही हमारी सामाजिक ताकत और मार्गदर्शक रही हैं । भारतीय समाज के निर्माण और विकास में मातृशक्ति का योगदान अनादि काल से रहा है । नारी शक्ति को किसी शब्द विशेष में बांधा नहीं जा सकता । माँ के लिए ‘जननी’ ‘पोषणकर्ता’, ‘पालनकर्ता’, ‘चरित्र निर्माता’ आदि शब्द कम पड़ जाते हैं ।
    आदर्श समाज के निर्माण में महिलाओं की भूमिका बहुत ही अहम है । कहा जाता है कि ‘नार्यस्तु राष्ट्रस्य श्वः’ अर्थात नारी, राष्ट्र का भविष्य है ।
    हमारे पौराणिक ग्रंथों, वेदों, उपनिषदों, रामायण और महाभारत आदि सभी में मातृशक्ति के महत्व को दर्शाया गया है । धैर्य, तपस्या, त्याग, धर्म, शिक्षा और समर्पण की भावना को मातृशक्ति के माध्यम से जाना गया है और हमारी भारतीय संस्कृति तो हमेशा से ही मातृशक्ति की प्रेरणा से ओत-प्रोत रही है । झाँसी की रानी महारानी लक्ष्मीबाई का जीवन शक्ति, नि:स्वार्थ प्रेम समर्पण और त्याग का अनूठा उदाहरण है । हमारे समाज में महिला सशक्तिकरण के ऐसे अनेक उदाहरण मिलते हैं, जहां पर महिलाओं ने अपनी क्षमता और सामर्थ्य के जरिये कई कीर्तिमान स्थापित किए हैं । अहिल्याबाई, सावित्रीबाई फूले एवं कस्तूरबा गांधी से लेकर हमारे प्रदेश एवं उत्तर पूर्व क्षेत्र से हेलेन लेप्चा, कनकलता बरुआ, रानी गिडालू, भोगेश्वरी फुकनानी आदि कई महत्त्वपूर्ण महिला विभूतियों का नाम लेना आज के दिन अति आवश्यक है, जिन्होंने अपनी शक्ति, साहस, त्याग और समर्पण के माध्यम से हमें प्रेरित करते हुए स्वाधीनता आंदोलन को मजबूती प्रदान करने का कार्य किया है ।
    जीवन के समस्त क्षेत्रों में भारतीय स्त्रियों ने समाज की उपेक्षा के बावजूद अकल्पनीय उपलब्धियाँ अर्जित की हैं और भारत राष्ट्र और समाज को गौरवान्वित किया है । नारी ही समाज की निर्मात्री शक्ति है, क्योंकि वही समाज का धारण और संवर्द्धन करती है ।
    कहा जाता है कि-
    “नारीशक्ति शक्तिशाली समाजस्य निर्माणं करोति । ”
    अर्थात, नारी सशक्तिकरण ही समाज को शक्तिशाली बना सकता है ।
    बाबा अंबेडकर के वक्तव्य को यहाँ उजागर करना चाहूँगा कि “किसी भी समाज की उन्नति उस समाज की महिला की उन्नति से मापी जा सकती है।”

    पिछले दशक में, महिलाओं की भूमिका तेजी से बदली है । महिलाओं ने अपनी कार्य-क्षमता के द्वारा यह साबित कर दिया है कि आज वह पुरुषों के मुक़ाबले किसी भी क्षेत्र में कमतर नहीं हैं, सिक्किम राज्य इसका अनूठा दृष्टांत है । महिलाएं अब न केवल होम मेकर और गृहणी हैं, बल्कि समाज को नई दिशा देने में पूर्णतया सक्षम और समर्थ हैं । चाहे वह युद्ध का क्षेत्र हो, खेल का मैदान हो, अंतरिक्ष क्षेत्र हो, खेती-पाती अथवा व्यवसाय क्षेत्र हो या वह तकनीकी का क्षेत्र हो, सभी क्षेत्रों में नारी शक्ति का अहम योगदान है । कल्पना चावला, मेरी कॉम, हमारे प्रदेश सिक्किम की बॉक्सर बेटी संध्या गुरुंग, पर्वतारोही मनिता प्रधान, प्रथम महिला नेशनल फुटबाल रेफरी फुरकित लामू भूटिया, रश्मि छेत्री एवं संगीत की दुनिया में सिक्किम प्रदेश का नाम रोशन करने वाली हमारी छोटी बिटिया जेटशन डोना लामा जैसे ऐसे अनेकों नारी शक्ति के उदाहरण हमारे पास मौजूद हैं, सबका उल्लेख करना यहां पर संभव नहीं है ।
    भारत में, हमने महिलाओं के सशक्तिकरण में महत्वपूर्ण प्रगति देखी है, जिसका श्रेय मोदी सरकार की अडिग प्रतिबद्धता को जाता है । यह सर्व स्वीकृत है कि माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने नारी सशक्तिकरण की दिशा और दशा बदली है । ‘नारी शक्ति वंदन अधिनियम’ एवं ‘तीन तलाक बिल’ जैसे अधिनियम इसका जीवंत उदाहरण है । इस ऐतिहासिक निर्णय से महिला सशक्तिकरण को और संबल मिला है और यह अधिनियम हमारी राजनीतिक प्रक्रिया में भी महिलाओं की और अधिक भागीदारी को सुनिश्चित करने का समर्थन करता है। वर्तमान में देश के सर्वोच्च पद पर आसीन प्रथम नागरिक माननीया राष्ट्रपति श्रीमती द्रोपदी मूर्मू जी नारी सशक्तिकरण की जीवंत उदाहरण हैं।
    माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में हमारी माताओं एवं बहनों को विशेष सम्मान मिला है एवं उनके दृढ़ संकल्प और दूरदर्शी योजनाओं से महिलाओं की सुरक्षा और अधिकार सुनिश्चित हुए हैं । ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’, ‘प्रधानमंत्री आवास योजना’, ‘सुकन्या समृद्धि योजना’, महिला शक्ति योजना, नमो ड्रोन दीदी योजना, PM जन-धन योजना, ‘उज्ज्वला योजना जैसे कई महत्वपूर्ण अभियानों को आरंभ किया है, जो महिलाओं को सशक्त बनाने की दिशा में अग्रसर है।
    स्थानीय स्वयं सहायता समूह के माध्यम से भी महिलाएं आर्थिक रूप से सशक्त हो रही हैं और देश की इकॉनमी में भी सहयोग प्रदान कर रहीं हैं ।
    ये योजनाएं केवल कागजों पर ही नहीं, बल्कि जमीनी धरातल पर महिलाओं के जीवन में वास्तविक परिवर्तन ला रही हैं । हमारा प्रदेश सिक्किम इसका प्रत्यक्ष उदाहरण है । ‘सिक्किम आमा सशक्तिकरण योजना’, ‘वात्सल्य योजना’ को इसके मिसाल के तौर पर देखा जा सकता है।
    हालांकि, पंचायत चुनावों में भी हमारे राज्य में महिलाओं के लिए 50% आरक्षण की व्यवस्था की गई है । लेकिन मेरे सिक्किम भ्रमण के दौरान विशेष रूप से ग्रामीण और वाइब्रेंट गांवों में महिला पंचायती सदस्यों की जो सक्रिय भागीदारी को देखा, वो अन्य राज्यों के लिए मिशाल है । मेरा अनुभव रहा है कि सिक्किम की महिलाएं हर क्षेत्र में अग्रणी हैं । लगभग सभी महिलाएं आत्मनिर्भर हैं। घरों में भी पुरुषों से ज्यादा महिलाओं को प्राथमिकता दी जाती है। हमारा राज्य एक ऐसा राज्य है, जहां हम महिलाओं की सुरक्षा और सशक्तिकरण को लेकर गर्व महसूस करते हैं । यहां महिला अपराध दर लगभग शून्य है।
    चाहे कृषि का क्षेत्र हो, शिक्षा हो, या उद्यमिता का, महिलाएं हर जगह अपना योगदान दे रही हैं । उदाहरण के तौर पर, रिंगजिंग छोडेन भूटिया की कहानी प्रेरणादायक है, जिन्होंने अपनी मेहनत और समर्पण से ब्यूटी प्रोडक्ट, ‘आगापी’ के व्यवसाय को स्थापित किया। रिनॉक की सफल महिला उद्यमी मीना राई ने दुग्ध उत्पादन के क्षेत्र में एक मिसाल कायम की है। अपने अलावा इन लोगों ने कई अन्य महिलाओं को रोजगार देने के साथ-साथ राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपनी विशिष्ट पहचान बनाई है ।
    यह वास्तव में प्रेरणादायक है कि हमारी मातृशक्ति हर क्षेत्र में अग्रणी भूमिका निभा रही हैं और अपने समाज में महत्वपूर्ण योगदान दे रही हैं । आज, मैं उन सभी नारी शक्तियों को नमन करता हूँ, जिन्होंने अपने साहस, धैर्य और संकल्प से हमारे समाज को प्रगति के मार्ग की ओर अग्रसर कर रही हैं।
    आज हर क्षेत्र में महिलाएँ निर्भीकता के साथ बुलंदियों को छू रही हैं । आज आवश्यकता है कि हम महिलाओं को प्रत्येक क्षेत्र में कार्य करने हेतु प्रोत्साहित करें।
    अंत में कहना चाहूँगा कि नारी सृष्टि की सर्वोत्तम कृति है । हमारा देश, ऐसा देश है जहाँ पर महिलाओं और छोटी बच्चियों को देवी स्वरूप पूजा जाता है ।
    इसलिए आइए, हम सब मिलकर यह संकल्प लें कि हम महिलाओं के सम्मान और सशक्तिकरण के प्रयासों को और आगे बढ़ाएंगे और एक समावेशी समाज का निर्माण करेंगे, जहां हर महिला को अपनी पूरी क्षमता तक पहुंचने का अवसर मिले।

    जय हिंद ! जय सिक्किम