11.9.2024 : राज्यपाल महोदय ने 58 वें नाथुला दिवस कार्यक्रम में की शिरकत, कहा, नाथुला दिवस नाथुला विजय दिवस के रूप में रहे स्मरण |
राज्यपाल महोदय ने 58 वें नाथुला दिवस कार्यक्रम में की शिरकत, कहा, नाथुला दिवस नाथुला विजय दिवस के रूप में रहे स्मरण
आज 58 वें नाथुला दिवस के अवसर पर सिक्किम के माननीय राज्यपाल श्री ओम प्रकाश माथुर ने माननीय मुख्यमंत्री श्री प्रेम सिंह तामाङ एवं धर्मपत्नी कृष्ण राई , उच्च न्यायालय के माननीय मुख्य न्यायाधीश जस्टिस विश्वनाथ सोमाद्दार, सिक्किम विधानसभा अध्यक्ष श्री एम एन शेर्पा ,17 माउंटेन डिविजन के मेजर जनरल ,अमित कपथियाल सहित राज्य के मुख्य सचिव ,पुलिस महानिदेशक एवं उच्च अधिकारियों के साथ कार्यक्रम में भाग लिया। इस कार्यक्रम का आयोजन नाथुला दर्रे में किया गया था|
माननीय राज्यपाल के आगमन पर माननीय मुख्यमंत्री, माननीय मुख्य न्यायाधीश, माननीय विधानसभा अध्यक्ष, 17 माउंटेन डिविजन के मेजर जनरल और अन्य गणमान्य व्यक्तियों एवं सेना के अधिकारियों ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया। इस अवसर पर नाथुला के ऐतिहासिक और सामरिक महत्व के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई।
इसी कड़ी में, आज राज्यपाल महोदय ने ‘सेरेथांग वार मेमोरियल’ पर उन वीर जवानों को श्रद्धांजलि दी जिन्होंने देश की रक्षा में अपने प्राणों की आहुति दी।
कार्यक्रम के अंतर्गत अपने सम्बोधन में राज्यपाल महोदय ने जवानों को संबोधित करते हुए उन्हें प्रोत्साहित किया। उन्होंने कहा कि आज के दिन को मात्र नाथुला दिवस न कहकर ‘नाथुला विजय दिवस’ के रूप में जाना जाना चाहिए क्योंकि 1967 में भारत और चीन के बीच के संघर्ष को भारतीय सेना की एक महत्वपूर्ण जीत के रूप में देखा जाता है| उन्होने कहा कि 1967 का नाथूला संघर्ष हमारे इतिहास में अदम्य साहस और धैर्य के प्रतीक के रूप में अंकित हैं। इस दर्रे ने न केवल हमारे देश की सीमाओं की रक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, बल्कि यह हमारे बहादुर जवानों के समर्पण और साहस को भी बयां करता है |
इसी कड़ी मे ,उन्होने लेफ्टिनेंट जनरल सगत सिंह के योगदान का उल्लेख करते हुए कहा कि 1967 के युद्ध में वे सबसे सक्रिय जवान थे | उन्होने लेफ्टिनेंट जनरल सगत सिंह की वीरता को डॉक्यूमेंट्री के रूप में प्रस्तुत करने की अपील की जिससे ताकि उनके योगदान से हर कोई परिचित हो सके |
माननीय राज्यपाल ने माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व सरकार के तहत भारत के रक्षा क्षेत्र में अग्रणी भूमिका को भी उजागर किया |उन्होने कहा कि भारत अभी आत्मनिर्भरता की रह पर है और कईयों देशों को स्वदेशी हथियार निर्यात कर रहा है और सैन्य रक्षा के मामले में अग्रिणी है | उन्होने इस बात पर प्रकाश डाला कि कैसे माननीय प्रधानमंत्री मोदी जी की यूक्रेन और रूस के बीच युद्ध की मध्यस्थता में भूमिका को विश्व भर में सराहा जा रहा है।
इस दौरान राज्यपाल महोदय ने जवानों की कड़ी मेहनत और समर्पण की सराहना की और उन्हें देश की सुरक्षा में उनके योगदान के लिए आभार व्यक्त किया है |उन्होने कहा कि भारतीय सेना न केवल राष्ट्रीय बल्कि अंतर्राष्ट्रीय सैन्य सेवा भी प्रदान कर रही है |
“देश की सेना जब मजबूत होती है तो सुदूर बैठा आम नागरिक सुरक्षित और गौरवान्वित महसूस करता है |” माननीय राज्यपाल ने कहा |
इस अवसर पर राज्यपाल महोदय ने सेना के जवानों के साथ बातचीत की और उनका हौसला अफजाई किया साथ ही उन्होंने जवानों से उनके अनुभव और चुनौतियों के बारे में भी जाना |
आज के कार्यक्रम को ऐतिहासिक माना जा रहा है क्योंकि नथुला दर्रे के इतिहास में पहली बार राज्य के माननीय राज्यपाल, माननीय मुख्यमंत्री एवं माननीय मुख्य न्यायाधीश की एकसाथ उपस्थिति रही है |