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    14.07.2023 : Speech of Hon’ble Governor on the occasion of 42nd foundation day of NABARD.

    Publish Date: July 14, 2023

    नाबार्ड के 42वें स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में यहाँ उपस्थित होकर मुझे अत्यंत प्रसन्नता की अनुभूति हो रही है, मैं इस अवसर पर नाबार्ड की सम्पूर्ण टीम को हार्दिक बधाई देता हूँ। यह एक महत्वपूर्ण अवसर है जहां हमने नाबार्ड के कार्यों, उद्देश्यों और योजनाओं के बारे में जानकारी प्राप्त की है। एक स्वतंत्र एजेंसी, जो ग्रामीण क्षेत्रों में आर्थिक विकास और कृषि को बढ़ावा देने के लिए संगठित की गई है। नाबार्ड ने अपनी 42 वर्ष की लम्बी यात्रा के दौरान देश के लिए उदाहरणीय सेवा प्रदान की है। और देश के विकास परिदृश्य को बदलने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

    लगभग 65 प्रतिशत ग्रामीण आबादी वाले देश की कल्पना नाबार्ड के बिना नहीं की जा सकती है जो पिछले लगभग कई वर्षों से देश की ग्रामीण अर्थव्यवस्था, बुनयादी ढांचा, कृषि, स्वयं सहायता समूहों और कोऑपरेटिव संस्थाओं के सशक्त माध्यम के रूप में काम कर रहा है।

    नाबार्ड का मुख्य उद्देश्य भारतीय कृषि को आर्थिक और तकनीकी सहायता प्रदान करना, स्वयं सहायता समूहों और कोऑपरेटिव संस्थाओं को बढ़ावा देना है ताकि हमारे कृषक और माताओं बहनों को विकास की दिशा में आगे बढ़ने के लिए समर्थन मिल सके।

    इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम के माध्यम से, हम देश भर में ग्रामीण क्षेत्रों के किसानों के लिए एक सशक्त, स्थायी और सामर्थ्यवान कृषि प्रणाली को प्रोत्साहन कर रहे हैं। यहां पर्याप्त धन, तकनीकी सहायता, अनुसंधान और विपणन समाधान के माध्यम से हमारे किसान भाई बहनों को आधुनिक खेती तक पहुंचने का सुनहरा मौका मिल रहा है। नाबार्ड प्रोग्राम ग्रामीण क्षेत्रों में स्वरोजगार, आधुनिक खेती, औद्योगिकीकरण, ग्रामीण वित्त की ओर एक महत्वपूर्ण कदम है। यह कृषि क्षेत्र के विकास, आय और जीवनशैली में ग्रामीण स्वराज्य और समावेशी विकास के प्रमुख स्तंभ है।

    मुझे यह जानकर प्रसन्नता हो रही है कि नाबार्ड भारत सरकार के विज़न और ग्रामीण क्षेत्र में चलाई जा रही विभिन्न पहलों जैसे सहकार से समृद्धि के कार्यान्वयन में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है, जिनमें किसानों की आय में वृद्धि और ग्रामीण क्षेत्रों को विकसित करने की क्षमता है|

    सिक्किम के परिपेक्ष्य में अगर बात करें तो मुझे यह भी जानकारी प्राप्त हुई है कि किसान, नाबार्ड, सिस्को एवं अन्य बैंकों के प्रयासों से पशुपालक / मत्स्यपालक – किसान क्रेडिट कार्ड से लाभान्वित हो रहे हैं। मैं सभी हितधारकों से आग्रह करता हूँ कि वे अपने प्रयासों के बीच समन्वय स्थापित करें और पशुपालन मत्स्यपालन हेतु किसान क्रेडिट कार्ड की संपूर्ण उपयोगिता को सुनिश्चित करें।

    मुझे यह भी ज्ञात हुआ कि एसआरएलएम और नाबार्ड दोनों, राज्य में स्वयं सहायता समूह को सहयोग प्रदान करने के दृष्टिकोण से एक साथ कार्य कर रहे हैं। भारत की आत्मा गांव में बसती है। हमारा देश सही मायने में तभी उठेगा जब हमारे गांव उठेंगे, उनमें वसती ग्रामीण आबादी उठेगी | सिक्किम के विकास की कल्पना गांव के विकास के बिना नहीं की जा सकती है | जिस तरह नाबार्ड देश में स्वयं सहायता समूह की गतिविधियों को संचालित करने में अग्रणी भूमिका निभा रहा है जो ग्रामीण विकास का आधार रहे हैं और महिलाओं के सामाजिक-आर्थिक सशक्तीकरण के लिए उत्प्रेरक की भूमिका के रूप में कार्य कर रहा है, उसी तरह सिक्किम में भी स्वयं सहायता समूह को और आगे लाने की आवश्यकता है। मैंने हाल में ही पूरे सिक्किम, का भ्रमण किया, लगभग सभी स्थानों पर स्वयं सहायता समूह से मिला । मुझे लगता है की उन्हें आगे बढ़ने के लिए और अधिक हैंड होल्डिंग की जरुरत है। उनके द्वारा बनाये गए उत्पाद केवल प्रदर्शनी तक सिमित न रहकर इसकी अधिक से अधिक मार्केटिंग हो, राज्य और राष्ट्रीय स्तर तक इनके प्रोडक्ट्स को स्थान मिले, तभी वे आर्थिक रूप से सशक्त बन पाएंगे |

    इस अवसर पर मैं नाबार्ड द्वारा सीमावर्ती गाँवों/आंकक्षी जिले के लोगों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए किए गए प्रयासों की सराहना करता हूँ जो भारत सरकार के वाइब्रेंट गाँव कार्यक्रम के दृष्टिकोण के अनुरूप है साथ ही मैं नाबार्ड से आग्रह करता हूं कि वे राज्य सरकार के साथ मिलकर सीमावर्ती गांवों/आकांक्षी जिलों की बेहतरी के लिए अपने प्रयास को जारी रखे।

    केंद्र की जनहितकारी योजनाओं पीएमजेजेबीवाई पीएमएसबीवाई, एपीवाई जैसी कई सामाजिक सुरक्षा योजनाओं की घोषणा की है जिसका उद्देश्य ही भारत को आर्थिक रूप से सशक्त करना है | माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में देश में बदलावों को आसानी से देखा जा सकता है। केंद्र की लुक ईस्ट पालिसी ने उत्तर पूर्वी राज्यों का परिदृश्य बदला है|माननीय प्रधानमंत्री जी की जनहितकारी योजनाओं को गांवों तक पहुंचाने का संकल्प को पूरा करने में नाबार्ड की अहम भूमिका है।

    आज हम सभी ने नुक्कड नाटक में अभिनेताओं द्वारा किए गए प्रदर्शन को देखा है, इसी तरह के कार्यक्रम लोगों को सीधे जागरूक करते हैं | वित्तीय सेवाओं के कवरेज़ को बढ़ाने के लिए बैंकों द्वारा ऐसे कार्यक्रमों को और अधिक संख्या में किया जाना चाहिए. हमें नाबार्ड प्रोग्राम के बारे में ज्यादा से ज्यादा जागरूकता फैलानी चाहिए ताकि हमारे ग्रामीण क्षेत्रों के लोग इसके लाभों से अवगत हों और उन्हें सही समय पर उपयोग कर सकें। जहां भी आवश्यक हो, हमें ग्रामीण क्षेत्रों में नाबार्ड के योजनाओं के बारे में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करने चाहिए और लोगों को इसके लाभों के बारे में शिक्षित करना चाहिए।

    मैं यहाँ उपस्थित अधिकारीयों से कहना चाहूंगा कि नाबार्ड प्रोग्राम के लक्ष्यों को प्राथमिकता देकर, ग्रामीण क्षेत्रों में इसे सफलतापूर्वक लागू करें। नाबार्ड प्रोग्राम को और निष्ठा पूर्वक लागू करें ताकि हमारे देश के किसानों और ग्रामीण समुदायों को उनके अधिकारिक विकास का लाभ मिल सके।

    नाबार्ड को केवल एक बैंक के रूप में नहीं बल्कि देश की ग्रामीण व्यवस्था को मजबूत करने में इसे क्रांति के रूप में लें जिससे हमारे सपनों का भारत, आत्मनिर्भर भारत, स्वावलम्बी भारत का सपना सही अर्थ में पूरा हो सके तथा गांव का हर व्यक्ति अपने पैरों पर खड़ा हो सके और स्वाभिमान के साथ समाज में जी सके ।

    अंत में, एक बार पुनः मैं नाबार्ड को उसके 42वें स्थापना दिवस समारोह के लिए बधाई देता हूँ और उम्मीद करता हूँ कि हम सभी मिलकर नाबार्ड कार्यक्रम के माध्यम से देश को आर्थिक और सामाजिक रूप से सशक्त बनाने में सफल होंगे। आप सभी का सहयोग और समर्थन के लक्ष्यों की प्राप्ति में महत्वपूर्ण हैं। चलो हम सब मिलकर इस नाबार्ड कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए काम करें और हमारे किसानों को आर्थिक स्वराज्य प्रदान करें।

    धन्यवाद,
    जय भारत !जय सिक्किम!