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    15.11.2023 : Speech of Hon’ble Governor on the occasion of the Birth Anniversary of Bhagwan Birsa Munda.

    Publish Date: November 15, 2023

    सर्वप्रथम आप सभी को जनजातीय गौरव दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ ।

    भारतीय क्रान्ति के गौरव, लोक नायक जन जातीय स्मिता के समर्थक ‘भगवान बिरसा मुण्डा जी को शत शत नमन करते हुए अपनी भावांजलि अर्पित करता हूँ | गाजीपुर जनपद, की पवन भूमि में जन जातीय गौरव दिवस के अवसर पर उपस्थित होना मेरे लिए परम सौभाग्य की बात है | आज का अवसर भारत की आदिवासी परंपरा के स्वाभिमान ,अस्मिता की पहचान का दिन है। जनजातीय गौरव दिवस वह माध्यम है जब हम इसके जरिये देश की जनजातीय विरासत पर गर्व, और आदिवासी समाज -के विकास की ओर द्रुत गति से आगे बढ़ रहे हैं |

    भगवान विरसा मुंडा हमारे जनजाति समाज के उदगम का स्त्रोत है| आदिवासी जनजातीय चेतना समाज का प्रादुभार्व एवं उदभव अति प्राचीन है| । कालान्तर में जनजातियों का अनेक राज्यों में शासन था लेकिन जब विदेशी आक्रमणकारियों की दमनकारी रवैये के कारण जनजाति लोगों आक्रान्ताओं के लोगों को अपनी स्मिता बचाने के लिए आदिवासी क्षेत्रों / जंगलों में पलायन करते हु मैदानी क्षेत्रों में जाकर शरण लेनी पड़ी। यहां तक कि आदिवासी जनजातियों को अपनी जाति तक छिपाना पड़ा।

    लेकिन भारत के जनजातीय समाज ने अपने सामर्थ्य से जातीय गौरव की आन रखने के लिए अनेक संघर्ष किये और विदेशी ताकत को दिखा दिया की कोई भी अगर कोई भी उनके रास्ते आएगा तो नतीजा क्या होगा , संथाल में तिलका मांझी के नेतृत्व में लड़े गए ‘दामिन संग्राम, ‘बुधू भगत के नेतृत्व में चले ‘लरका आंदोलन ,नायकड़ा आंदोलन, लिमडी, दाहोद में अंग्रेजों को धूल चटा देने वाले आदिवासी, ऐसे अनेक वीरों की गौरवगाथा की साक्षी भारत की धरा है | इसी बेला में भगवन बिरसा मुंडा का उदय हुआ जिन्होंने आदिवासी लोगों के अधिकारों की सुरक्षा के लिए ब्रिटिश साम्राज्य के खिलाफ संघर्ष किया और उनके नेतृत्व में ‘उल्गुलान’ आंदोलन का आयोजन किया। उन्होंने आदिवासी समुदायों के लिए स्वदेशी शिक्षा, स्वदेशी धार्मिक अद्यतन, पारंपरिक आदिवासी संस्कृति और मूल्यों को पुनर्जीवित करने की दिशा में अनेक कदम उठाये |उनके जीवन का उद्देश्य था कि आदिवासी जनजातियों को समृद्धि और समाज में समानता मिलनी चाहिए।उनका योगदान न केवल आदिवासी समुदायों के लिए बल्कि पूरे भारतीय समाज के लिए भी महत्वपूर्ण है। उन्हें पता था कि कोई भी समुदाय ,समाज या देश अपनी सभ्यता और संस्कृति के बगैर समृद्ध नहीं बन सकता, इसलिए उन्होंने अपने समाज के लिए धर्म, संस्कृति एवं देश की अस्मिता के लिए कई कार्य किये। भगवान बिरसा मुंडा का जीवन और कार्यक्षेत्र आदिवासी समुदाय के लिए एक प्रेरणा स्रोत रहा है।

    बिरसा मुंडा जी के द्वारा प्रतिष्ठापित किए गए मूल्यों और सिद्धांतों को दिशा प्रदान करते हुए , आज के भारत में आदिवासी समुदाय स्वर्णिम काल की दिशा की ओर अग्रसर है |और इसके लिए इस मंच से से मैं हमारे माननीय प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी को नमन करता हूँ जिनकी उदार दृष्टि भारतीय आदिवासी समाज के विकास और सामाजिक समानता के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को प्रकट किया है, सरकार ने आदिवासी समुदाय के लिए कई योजनाएं और कदम अच्छे दिनों की दिशा में उठाए हैं, जैसे कि “वन धन योजना” जनजातीय अधिकारों का संरक्षण: जनजातीय कला और शिल्प का संवर्धन: अनुसूचित जनजाति व दलित आदिवासी युवाओं / महिलाओं को सामाजिक न्याय, सामुदायिक विकास, सामाजिक कुरीतियों का उन्मूलन, , जो बिरसा मुंडा जी की सोच के साथ मेल खाते हैं।

    प्रधानमंत्री मोदी जी ने जनजाति समाज का हाथ थाम कर उन्हें जो सम्मान दिया है वह सरकार के समरसता,समानता और समता को प्रदर्शित करता है। और इससे महत्वपूर्ण बात क्या हो सकती है की आज देश के शीर्ष स्थान पर राष्ट्र की प्रथम महिला माननीया राष्ट्रपति महोदया श्रीमती द्रौपदी मुर्मू आदिवासी समुदाय से सम्बंधित हैं | इससे अधिक जनजातीय समाज के लिए गौरव का विषय क्या हो सकता है ??

    मैं वर्तमान सरकार को नमन करता हूँ, जो हमारे जनजाति समाज की समृद्धि के प्रति अपने समर्पित प्रयासों के लिए प्रतिबद्ध है | जो समुद्र से लेकर पहाड़ों की ऊंचाई तक बसी इस समुदाय को सम्मान दिला रही है और उनके अथक प्रयास इस समुदाय के प्रति सम्मान का प्रतीक बन गए हैं। शिक्षा,नारी सशक्तिकरण से लेकर आर्थिक विकास तक, सरकार की नीतियाँ इस समुदाय के सामने आने वाली विशेष चुनौतियों को बढ़ावा दे रही हैं।

    कौशल विकास कार्यक्रमों में निवेश करके, सरकार ने अनुसूचित जनजाति के युवा के लिए एक उज्ज्वल भविष्य की दरवाजे खोले हैं। उद्यमिता को बढ़ावा देना, वित्तीय सहायता प्रदान करना, और जनजातियों के सांस्कृतिक और पर्यावरणीय मूल्यों ,धरोहर को सुरक्षित रखना आदि आर्थिक समृद्धि की दिशा में कदम बढ़ा रही है ।

    इसके अलावा, समावेशी नीतियों और लक्षित कल्याण कार्यक्रमों ने सामाजिक-आर्थिक अंतर को पाटने में क्रियात्मक भूमिका निभाई है। संसाधनों और अवसरों के समान उपयोग को सुनिश्चित करके, सरकार ने हमारे महान राष्ट्र के सामूहिक प्रगति में सहयोग करने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं।
    आज के अवसर पर हमें यह स्मरण होना चाहिए की यह उत्सव एक दिवसीय उत्सव नहीं वरन हमारे समुदाय को एकजुटता के साथ आगे बढ़ाना होगा |
    जब हम मिलकर काम करेंगे, तो हम सभी मिलकर ही सशक्त भारत की ऊँचाइयों को छू सकते हैं। धन्यवाद भारत !जय जनजातीय समाज !जय भगवान बिरसा मुंडा !