15.11.2024 : सिक्किम के माननीय राज्यपाल ने सिक्किम मणिपाल विश्वविद्यालय के 24वें दीक्षांत समारोह में लिया भाग ।
SKM/GOV/R/2024/47
सिक्किम मणिपाल विश्वविद्यालय के 24वें दीक्षांत समारोह में आज सिक्किम के माननीय राज्यपाल श्री ओम प्रकाश माथुर ने कुलाधिपति के रूप में भाग लिया। इस महत्वपूर्ण अवसर पर समारोह स्थल पर पहुँचने पर 17वीं माउंटेन डिवीजन बैंड द्वारा गर्मजोशी से स्वागत किया गया।
इसके पश्चात, राज्यपाल महोदय ने 24वें दीक्षांत समारोह के जुलूस में स्वास्थ्य विभाग के मंत्री श्री जी टी ढूंगेल, मुख्य अतिथि,हेड कॉर्पोरेट सेंटर, L&T, आर गणेशन, अध्यक्ष, मणिपाल शिक्षा एवं चिकित्सा ग्रुप, डॉ रंजन पाई, कुलपति, डॉ दिलीप चंद्र अग्रवाल एवं वरिष्ठ अधिकारियों के साथ भाग लिया।
इसके बाद, माननीय राज्यपाल ने दीक्षांत समारोह का औपचारिक रूप से उद्घाटन करते हुए 29 पीएचडी शोधकर्ताओं एवं स्वर्ण पदक प्राप्तकर्ताओं को उपाधि प्रदान की। उन्होंने छात्रों को उनकी उपलब्धियों के लिए बधाई देते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की। इसी दौरान, सिक्किम मणिपाल विश्वविद्यालय के वार्षिक रिपोर्ट का विमोचन भी किया।
सभा को संबोधित करते हुए माननीय राज्यपाल ने सर्वप्रथम ,विश्वविद्यालय में स्नातक उपाधि प्राप्त करने वाले छात्रों और उनके अभिभावकों को बधाई दी| उन्होंने कहा कि यह समारोह छात्रों के कठिन परिश्रम और समर्पण का प्रतीक है।
उन्होने सिक्किम मणिपाल विश्वविद्यालय के समाज में दिए जा रहे योगदान कि सराहना करते हुए कहा,
‘सिक्किम मणिपाल विश्वविद्यालय ने अपने स्थापना काल से ही अनेक मील के पत्थर स्थापित किए हैं और बच्चों को कम कीमत पर अपने ही प्रदेश में उच्चतर शिक्षा व्यवस्था उपलब्ध करवा कर एक उदारहण प्रस्तुत किया है साथ ही देश के उच्चतर शिक्षा मानचित्र में अपना विशिष्ट स्थान प्राप्त कर चुका है। प्रसन्नता है कि यहाँ से शिक्षा प्राप्त स्नातक प्रतिस्पर्धी विश्व भर में अपने-अपने चयनित क्षेत्रों में अच्छा प्रदर्शन कर रहें हैं |”
इसके साथ उन्होने विश्वविद्यालय के शैक्षणिक संकाय तथा प्रबंधन को भी बधाई दी है | उन्होने इस बात पर प्रकाश डाला कि किसी क्षेत्र, राज्य या राष्ट्र के आर्थिक विकास को सफल बनने के लिए महाविद्यालयों और विश्वविद्यालयों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है |
माननीय राज्यपाल ने विशेष रूप से इस बात पर ज़ोर दिया कि आने वाले कल नवाचार और डिजिटल के अनुसार रूपांतरण होने वाला है मगर इसी के साथ, इस बात पर भी ध्यान आकर्षित किया कि समानुभूति और सकारात्मक सोच भी समान रूप से परम आवश्यक हैं।
आज के समारोह मे 1026 छात्रों को उपाधि प्रदान की गई |