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    15.12.2024 : Message of Hon’ble Governor of Sikkim. (In English & Hindi)

    Publish Date: December 15, 2024

    The Hon’ble Governor of Sikkim, Shri Om Prakash Mathur, extended his warm greetings and best wishes to the people of Sikkim on the joyous occasion of “Pughal Parim, Chasok Tongnam and Teyongsi Sirijunga Sawan Tongnam”.

    In his message of “Pughal Parim” the Hon’ble Governor said, “This vibrant festival is a time for the community to come together, express gratitude, and seek blessings from nature deities for peace, prosperity, and well-being. It serves as a reminder of the deep connection between humanity and nature, underscoring the importance of harmony and reverence towards the environment. On this auspicious day, I wish all a joyous and prosperous Pughal Parim, filled with happiness, good health, and success”.

    Similarly, the Hon’ble Governor in his message of Teyongsi Sirijunga Sawan Tongnam, especially Limboo community. He said “On this joyous occasion let us all rededicate ourselves towards strengthening the bonds of peace, unity, brotherhood and love amongst all sentient beings.”

    The Hon’ble Governor has also extended his warm greetings and best wishes to the people of Sikkim on the occasion of Chasok Tongnam. The Hon’ble Governor said “May this joyous occasion reinforce the bonds of brotherhood, love and harmony amongst all sections of our society”.

    सिक्किम के माननीय राज्यपाल श्री ओम प्रकाश माथुर ने सिक्किम वासियों विशेषकर भुजेल एवं लिंबू
    समुदाय को
    पुगल परिम एवं तेयोंगसी सिरिजंगा सावन टोंगनाम व चोसोक टोंगनाम की हार्दिक शुभकामनाएं प्रेषित की हैं।

    अपने संदेश में माननीय राज्यपाल ने कहा, “मैं सिक्किम में हमारे विभिन्न समुदायों द्वारा मनाए जाने वाले त्योहारों के अवसर पर अपनी हार्दिक शुभकामनाएं व्यक्त करता हूँ।

    भुजेल समुदाय द्वारा मनाया जाने वाला “पुगल परिम’ मंगशीर पूर्णिमा से पंचमी तक पांच दिवसीय उत्सव है, जिसमें संरक्षक देवी-देवताओं की पूजा की जाती है। यह त्योहार हमें हमारी पैतृक परंपराओं का सम्मान करने और अच्छी फसल के लिए प्रकृति के प्रति आभार व्यक्त करने की याद दिलाता है। मैं सिक्किम में भुजेल समुदाय सहित सभी नागरिकों को इस महत्वपूर्ण पर्व की शुभकामनाएं देता हूँ।

    इसी तरह, लिंबू समुदाय के महत्वपूर्ण त्योहार ‘तेयोंगसी सिरिजंगा सावन टोंगनाम’ के अवसर पर, जो 18वीं सदी के प्रसिद्ध विद्वान तेयोंगसी सिरिजुंगा के जन्म का प्रतीक है, जिन्हें महात्मा सिरिजुंगा के नाम से भी जाना जाता है। महात्मा सिरिजुंगा ने सिक्किम में लिंबू परंपरा, संस्कृति, शिक्षा और धर्म को पुनर्जीवित करने में अभूतपूर्व योगदान प्रदान किया।
    इसके साथ ही, *’चोसोक टोंगनाम’ के अवसर पर, पुन: लिंबू समुदाय द्वारा अच्छी फसल के लिए अपने देवी-देवताओं के प्रति आभार व्यक्त करने का यह पर्व हर्षोल्लास से मनाया जाता है। यह त्योहार हमें प्रकृति के प्रति कृतज्ञता का महत्व सिखाता है और हमारे समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का हिस्सा है।

    इस अवसर पर ,मैं सभी राज्य वासियों से आग्रह करता हूँ कि हम इन त्योहारों को मिलजुल कर मनाएं और अपने राज्य को और अधिक प्रगति की ओर अग्रसर करें। इन पर्वों के माध्यम से हम अपने समृद्ध सांस्कृतिक और परंपरागत मूल्यों को संजोए रखें ।
    आप सभी के जीवन में सुख, समृद्धि और शांति की मंगल कामना ।