22.09.2025 : सिक्किम अल्पाइन विश्वविद्यालय का प्रथम दीक्षांत समारोह नाम्ची टाउन हॉल में सम्पन्न
सिक्किम अल्पाइन विश्वविद्यालय का प्रथम दीक्षांत समारोह नाम्ची टाउन हॉल में सम्पन्न
सिक्किम अल्पाइन विश्वविद्यालय ने आज अपने प्रथम दीक्षांत समारोह का आयोजन नाम्ची टाउन हॉल में किया। इस अवसर पर सिक्किम के माननीय राज्यपाल श्री ओम प्रकाश माथुर ने विश्वविद्यालय के विज़िटर एवं मुख्य अतिथि के रूप में गरिमामयी उपस्थिति दर्ज की।
समारोह में राज्य के शिक्षा मंत्री श्री राजू बस्नेत विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहे।
समारोह स्थल पर आगमन के पश्चात माननीय राज्यपाल को सिक्किम पुलिस के IRB कर्मियों द्वारा गार्ड ऑफ ऑनर प्रदान किया गया ।
इसके पश्चात राज्यपाल महोदय ने दीक्षांत समारोह की शैक्षणिक शोभायात्रा में शिक्षा मंत्री, कुलपति, संकाय सदस्य एवं अन्य गणमान्य अतिथियों के साथ भाग लिया। इसी कड़ी में, उन्होंने दीप प्रज्वलन कर समारोह का औपचारिक शुभारंभ किया।
इस दौरान विश्वविद्यालय परिवार द्वारा उनका पुष्पगुच्छ एवं पारंपरिक सम्मान के साथ अभिनंदन किया गया।
अपने संबोधन में राज्यपाल महोदय ने स्नातकों को संबोधित करते हुए कहा कि आज से युवा एक विस्तृत कार्यक्षेत्र में प्रवेश कर रहे हैं। उन्होंने विद्यार्थियों से आग्रह किया कि वे केवल आजीविका के लिए नहीं, बल्कि समाज के हित में शिक्षा प्राप्त करें। उन्होंने कहा कि आज की वैश्विक परिस्थितियाँ ऐसे व्यक्तियों की अपेक्षा करती हैं जो विषय में दक्ष होने के साथ-साथ नैतिक दृष्टि से भी सजग हों।
राज्यपाल महोदय ने शिक्षा नीति 2020 का उल्लेख करते हुए माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी की दूरदर्शिता की सराहना की और कहा कि यह नीति युवाओं को न केवल ज्ञान प्रदान करती है, बल्कि उन्हें नैतिक और व्यावसायिक रूप से सक्षम बनाती है।
उन्होंने ‘स्टार्टअप इंडिया’, ‘स्टैंड अप इंडिया’, ‘मेक इन इंडिया’, ‘डिजिटल इंडिया’ और ‘कौशल विकास मिशन’ जैसी योजनाओं को आत्मनिर्भर भारत की दिशा में युवाओं के लिए अवसरों का द्वार बताया।
उन्होंने कहा कि आज तकनीक हर युवा के हाथ में मौजूद है और युवा शक्ति ही विकसित भारत @2047 के मशालवाहक है।
माननीय राज्यपाल ने इस बात पर भी जोर दिया कि माननीय प्रधानमंत्री मोदी जी के नेतृत्व में भारत पुनः विश्वगुरु बनने की ओर अग्रसर है। उन्होंने युवाओं से आग्रह किया कि वे इन योजनाओं का पूरा लाभ उठाएँ और आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में अपना योगदान दे।
राज्यपाल महोदय ने कुलपति, शिक्षकों, संकाय सदस्यों और अभिभावकों को उनके मार्गदर्शन, सहयोग, धैर्य और परिश्रम के लिए बधाई दी। साथ ही उन्होंने कहा कि संस्थान केवल उपाधियाँ प्रदान करने वाला केंद्र न बने बल्कि यह समाज के लिए एक विचारशील नेतृत्व तैयार करने वाला मंच बने।
माननीय राज्यपाल ने ‘वोकल फॉर लोकल’ की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने की अपील की।
राज्यपाल महोदय ने भारत को सदैव ज्ञान की भूमि बताया है और उन्होंने 21वीं सदी को “ज्ञान की सदी” बताते हुए युवाओं से ज्ञान को संपत्ति से अधिक मूल्यवान मानने का आग्रह किया।
राज्यपाल महोदय ने शिक्षा मंत्री से विश्वविद्यालय परिसर के निर्माण की समय-सीमा निर्धारित करने का अनुरोध किया ताकि एक सुव्यवस्थित शैक्षणिक वातावरण सुनिश्चित किया जा सके। उन्होंने कहा कि एक वातावरण अनुकूल परिसर में विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास की संभावनाएँ अधिक होती हैं। यदि परिसर आधुनिक सुविधाओं से युक्त हो, तो देश-विदेश के छात्र यहाँ आकर्षित होंगे और सिक्किम एक प्रमुख शैक्षणिक केंद्र के रूप में स्थापित हो सकेगा।
उन्होंने विश्वविद्यालय से अपेक्षा की कि शिक्षा के साथ-साथ व्यावहारिक ज्ञान भी प्रदान किया जाए। साथ ही समय-समय पर राज्य की भौगोलिक, सामाजिक एवं सांस्कृतिक विषयों पर चर्चा हेतु कार्यक्रमों का आयोजन कर विद्यार्थियों को व्यापक जानकारी दी जाए। उन्होंने कुलपति से भारतीय सेना की सद्भावना यात्रा हेतु समन्वय करने और विद्यार्थियों को भारत दर्शन के लिए भेजने का भी आग्रह किया।
कार्यक्रम के दौरान, 2023–24 बैच के कुल 44 विद्यार्थियों को स्वर्ण एवं रजत पदक तथा उपाधियाँ प्रदान की गईं। माननीय राज्यपाल ने विद्यार्थियों को सम्मानित करते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की और कहा कि आज का पदक तभी सार्थक होगा जब यहां के विद्यार्थी वैश्विक स्तर पर अपना परचम लहराएँगे।
समारोह में कुलपति प्रो. आशीष चतुर्वेदी, कुलाधिपति श्री अर्जिन्दर कुमार जिंदल, स्कूल शिक्षा सचिव श्री ताशी छोपेल, जिला कलेक्टर श्रीमती अनुपा तामलिंग, अभिभावकगण एवं छात्र-छात्राएँ भी उपस्थित रहे।