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    25.11.2023 : Speech of Hon’ble Governor on the occasion of 6th Convocation of NIT, Ravangla.

    Publish Date: November 25, 2023

    आज राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान सिक्किम के छठे दीक्षांत समारोह में उपस्थित होना हर्ष का विषय है। इस समारोह में आप सभी का हार्दिक अभिनन्दन करता हूँ ।इस अवसर पर मैं दूरदर्शी मनीषियों के प्रति आभार व्यक्त करता हूँ जिन्होनें महान दृष्टि और मिशन के साथ इस संस्थान की स्थापना की है।

    इस शुभ दिन पर पदक विजेताओं और डिग्री प्राप्तकर्ताओं को उनकी उपलब्धि के लिए बधाई देता हूँ ।

    आज हम सब एक ऐसे क्षण का हिस्सा बन रहे हैं जो हमारे देश के भविष्य निर्माण की नींव डाल रहा है। यह एक ऐसा क्षण है, जिसमें नये युग के निर्माण के बीज़ अंकुरित हुए हैं।
    सिक्किम सम्पूर्ण भारत में अपना अद्वितीय स्थान रखता हैIजिस प्रकार हमारे महान देश भारत ने अनेकता में एकता वाली संस्कृति को पिरोये रखा है वैसे ही सिक्किम ने सम्पूर्ण भारत की संस्कृति को अपने आँचल में संजोकर रखा है जिसका परिणाम हम राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, सिक्किम में देख सकते हैंI मुझे जानकर खुशी हुई कि अनेक चुनौतियों के बावजूद,राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, सिक्किम इंजीनियरिंग, विज्ञान, आईटी, मानविकी और सामाजिक विज्ञान आदि विषयों में विद्यार्थियों के उज्जवल भविष्य के लिए समर्पित भाव के साथ कार्य कर रही है |

    जैसा कि अल्बर्ट आइंस्टीन ने कहा है कि “शिक्षा का उद्देश्य तथ्यों को सीखना नहीं है, बल्कि मष्तिस्क को प्रशिक्षित करना है।” प्रोफेसर महेश चंद्र गोविल जी एवं सम्पूर्ण संकाय राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान सिक्किम को उत्तर-पूर्वी क्षेत्र में शिक्षा के माध्यम से भविष्य को आकार देने और समाज में सार्थक योगदान के लिए मानव संसाधन को सशक्त बनाने के लिए प्रयासरत हैं ,जो सराहनीय है।

    प्यारे विद्यार्थीयों, दीक्षांत समारोह हमेशा से ही एक ऐसा विशेष अवसर होता है, जिसमें हम शुरू के वर्षों में की गयी कड़ी मेहनत को लक्ष्यों की प्राप्ति व सफलता की प्राप्ति से जुड़ते हुए देखते है। यह एक ऐसी यात्रा रहती है जो हमारे भविष्य के सपनों के साथ शुरू होती है और हमें ऊँचाइयों तक ले जाती है।

    आइए,इस अवसर पर हम न केवल आज की उपलब्धियों का जश्न मनाएं, बल्कि उन असीम संभावनाओं का भी जश्न मनाएं जो आज के बाद कार्य क्षेत्र में कदम रखने वाले प्रत्येक स्नातक के लिए द्वार खोलती हैं।आज से आपके डिग्री के साथ साथ आपकी जिम्मेदारियों के दायरे भी बढ़े है। इन संस्थागत दीवारों से परे आपकी यात्रा में आपके द्वारा प्राप्त ज्ञान और कौशल आपके मार्गदर्शक हैंI जैसा कि बाबासाहेब आंबेडकर जी ने कहा है , “शिक्षा शेरनी का वह दूध है,जो पियेगा वह दहाड़ेगा।“ उनके शब्द आपको निरंतर परिवर्तनकारी मार्ग और आपकी अंतर्निहित क्षमता की अभिव्यक्ति में मार्गदर्शन करते रहे।

    आप सभी व्यक्तिगत जीवन में सदा समृद्धि की ओर आगे बढ़े, मेरी अनेक शुभकामनाएँ आपके साथ हैं ,साथ ही आप सभी को इस विषय का भी ध्यान रखना अवश्यक है कि शैक्षिक ज्योति के साथ राष्ट्रीय चेतना की ज्योति भी जलाये। समाज को आगे बढ़ाने एवं राज्य और राष्ट्र के विकास में आप सभी का योगदान अहम है।

    आज राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान सिक्किम के मंच से जब टेक्नोलॉजी की बात की जा रही है तो बच्चों आपको इस बात की जानकारी अवश्य होनी चाहिए कि टेक्नोलॉजी हमारे जीन में है, हमारे डी एन ए में है Iआप हमारी प्राचीन धरोहरों को देखेंगे तो इससे अच्छी सिविल इंजीनियरिंग कहीं और नहीं मिलेगी Iकोविड के दौरान हमने देखा की किस तरह हमारा प्राचीनतम आयुर्वेदिक काढ़ा, रोग से लड़ने में सफल साबित हुआ Iआज भारतीय मूल के सीईओ जो दुनिया की सबसे बड़ी कंपनियों का नेतृत्व कर रहे हैं जैसे सुंदर पिचाई गूगल के, जहाँ एक ऊंगली पर सारी दुनिया नाचती है। सत्या नडेला -माइक्रोसॉफ्ट,पराग अग्रवाल- ट्विटर, लीना नायर-चैनल,शांतनु नारायण- एडोब इंक,संजय मेहरोत्रा -माइक्रोन टेक्नोलॉजी, जयश्री उल्लाल-अरिस्टा नेटवर्क्स आदि ऐसे अनेक नाम है जो दुनिया में परचम लहरा रहे हैंI

    प्यारे बच्चों
    तकनीक में एक अद्वितीय शक्ति है, और आप इस शक्ति के सच्चे अधिनायक हैं। आप सभी से अनुरोध है कि आप अपने तकनीकी गुणों को निखारें और नई ऊँचाइयों की दिशा में कदम बढ़ाएं। इस क्षेत्र में नवाचारों के साथ आगे बढ़े क्योंकि यह आपको विरासत में मिली है।तकनीकी क्षेत्र में नए सीमाओं को छूने का लक्ष्य बनाए।जैसे की आज माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में’स्टार्ट अप इंडिया’, ‘स्टैंड अप इंडिया’, ‘मेक इन इंडिया’ और ‘डिजिटल इंडिया’ जैसी कई कल्याणकारी सरकारी योजनाएं शुरू की गई हैं जिसका आप भरपूर लाभ उठाएं।

    भारतीय शिक्षा प्रणाली ने चरक जैसे महान विद्वान को जन्म दिया। सुश्रुत, आर्यभट्ट, वराहमिहिर, भास्कराचार्य, ब्रह्मगुप्त,चाणक्य, और तिरुवल्लुवर, जैसे कई अन्य लोगों की भूमि भारत में उनके द्वारा गणित, खगोल, विज्ञान, धातु विज्ञान, चिकित्सा विज्ञान और सर्जरी, सिविल इंजीनियरिंग, वास्तुकला, जहाज निर्माण और नेविगेशन, घोग, ललित कला, शतरंज जैसे विभिन्न क्षेत्रों में विश्व को ज्ञान प्रदान किया है ।तक्षशिला, नालंदा, विक्रमशिला, वल्लभी जैसे प्राचीन भारत के विश्व स्तरीय संस्थानों ने बहु विषयक शिक्षण और अनुसंधान के उच्चतम मानकों को स्थापित किया और विश्व के अन्य देशों के विद्वानों और छात्रों को अपनी ओर आकर्षित किया |

    मित्रों,
    21 वीं सदी, ज्ञान की सदी है। आज हम सभी एक ऐसे समाज में रह रहे है जिसमें ज्ञान का महत्व धन-संपदा से बढ़कर है, और यही ज्ञान, आज सत्ता / शक्ति और सामाजिक गतिशीलता का मुख्य स्रोत बन गया है।

    देश के यशस्वी प्रधान मंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने कहा है कि 19 वीं सदी, ब्रिटेन की सदी थी। 20 वीं सदी अमेरिका की सदी थी, परन्तु 21 वी सदी भारत की सदी हैं।पिछले तीन दशकों में दुनिया का प्रत्येक क्षेत्र बदला है। हर व्यवस्था बदली है। इन तीन दशको में हमारे जीवन का शायद ही ऐसा कोई आयाम हो जो पहले जैसा है, लेकिन वो मार्ग जिस पर चलते हुए समाज भविष्य की तरफ बढ़ता है, हमारी शिक्षा व्यवस्था, वो अब भी पुराने ढर्रे पर चल रही थी। पुरानी शिक्षा व्यवस्था को बदलना उतना ही आवश्यक था, जितना किसी खराब हुए ब्लैकबोर्ड को बदलना आवश्यक होता है।

    राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 नए भारत की, नयी उम्मीदों की, नयी आवश्यकताओं की पूर्ति का सशक्त माध्यम है। माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 की अनूठी नीव रखी है।नई शिक्षा नीति-2020 ने एक नये युग की शुरुआत की है और शिक्षा के क्षेत्र में एक दिशा प्रदान की है।यह निति एक युगान्तकारी परिवर्तन के रुप में भी काम कर रही है।भारत विश्व गुरु था।सोने की चिड़िया कहलाने वाला भारत आक्रांताओ द्वारा जीर्ण शीर्ण किया गया लेकिन अभी भारत अपने स्वर्णिम काल में फिर से लौट रहा है।
    आज इस मंच के माध्यम से यह कहना चाहता हूं कि आप सभी अपने प्राप्त ज्ञान को केवल व्यक्तिगत विकास के लिए एक उपकरण नहीं , बल्कि एक परिवर्तनकारी शक्ति के रूप में देखे जो समाज के समग्र विकास में योगदान देता है।

    मुझे पूर्ण विश्वास है कि एनआईटी, सिक्किम राज्य और राष्ट्र की प्रगति को आगे बढ़ाने में पूरी तरह से सक्षम है। यह जानकर प्रसन्नता हुई की राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान सिक्किम में प्रशिक्षण और प्लेसमेंट सेल, अपनी रणनीति विकसित करने में सक्रिय है। माइक्रोसॉफ्ट, इंटेल, पावरग्रिड और अन्य जैसी प्रतिष्ठित कंपनियों से जुड़कर 83.70% प्लेसमेंट दर हासिल करना हर्ष का विषय है।यह सफलता छात्रों के कैरियर के विकास के लिए संस्थान की प्रतिबद्धता का प्रमाण है।

    अंत में , हमें यह याद रखना होगा कि विभिन्न चुनौतियों के बीच जैसे हीरे गर्मी और दबाव में बनते हैं, प्रत्येक बाधा हमें बेहतर भविष्य के लिए तैयार करती है।उसी तरह जीवन में आनेवाली चुनौतियों को एक अवसर के रूप में लेकर सफलता की छाप छोड़ते हुये आगे बढ़ें।आपके द्वारा किया गया परिश्रम समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाएगा और राष्ट्र विकास में सशक्त माध्यम बनेगा ऐसा भी मेरा विश्वास है। मैं इस महत्वपूर्ण अवसर पर समस्त सफल छात्रों को पुनःहार्दिक बधाई देता हूं, जिन्हें आज डिग्री प्रदान की जा रही है |आप ने अपनी मेहनत के बल पर आज इस मुकाम को हासिल किया है।

    इस अवसर पर छात्रों को ही नहीं बल्कि उनके माता पिता, अभिभावकों,एवं एनआईटी सिक्किम संकाय को भी बधाई देता हूँ। भविष्य में यह संस्था और तरक्की करेगी और राज्य और राष्ट्र के लिए शिक्षा की रोशनी बनेगी।

    जय भारत !जय सिक्किम!