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    27.11.2023 : Speech of Hon’ble Governor on the occasion of 16th convocation of ICFAI University.

    Publish Date: November 27, 2023

    इक्फाई विश्वविद्यालय, सिक्किम के 16वें दीक्षांत समारोह के इस महत्वपूर्ण अवसर पर उपस्थित आनंद की अनुभूति हो रही है। इस समारोह में आप सभी का हार्दिक अभिनन्दन करता हूँ। इंडिया टुडे रैंकिंग 2023 में, इक्फाई विश्वविद्यालय सिक्किम ने होटल मैनेजमेंट में 5वां और लॉ एंड कॉमर्स में 17वां स्थान हासिल किया है। मुझे खुशी है कि इक्फाई विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. जगन्नाथ पटनायक जी और उनकी समर्पित टीम लगातार गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा प्रदान करने में सराहनीय कार्य कर रहे हैं। आज, निःसन्देह, इस छोटे पर्वतीय राज्य में यह संस्था आर्थिक विकास को गति देते हुए उच्च शिक्षा की सार्थक भूमिका निभा रहा है।

    आज हम सब एक ऐसे क्षण का हिस्सा बन रहे हैं जो हमारे देश के भविष्य निर्माण की नींव डाल रहा है। यह एक ऐसा क्षण है, जिसमें नये युग के निर्माण के बीज़ अंकुरित हुए हैं।
    जिस तरह एक पक्की नींव ही ठोस और मजबूत भवन का निर्माण करती है। ठीक उसी प्रकार शिक्षक एवं अभिभावक विद्यार्थी की नींव को सुदृढ़ कर भविष्य में सफलता रूपी भवन खड़ा करने में सहायता करते हैं। इसी के प्रतिफल के रूप में सभी पदक विजेताओं और डिग्री प्राप्तकर्ताओं को उनकी उपलब्धि के लिए बधाई देता हूँ। साथ ही बधाई के पात्र सभी शिक्षक एवं अभिभावक हैं जिनके योगदानों के कारण आजका यह समारोह संभव हो पा रहा है। कहते हैं की किसी व्यक्ति की सफलता पर अगर किसी को सबसे अधिक गर्व होता है तो वह अभिभावक और शिक्षक होते है। उनकी खुसी में कोई स्वार्थ नहीं होता है, वह केवल अपने बच्चों की सफलता की चाह रखते हैं। आपके अभिभावक जिन्होंने
    आपको शिक्षित करने में अपनी मेहनत की कमाई आप पर निवेश किया। कई ऐसे भी परिस्थितियां आईं होंगी जब आपके माता-पिता ने अपनी व्यक्तिगत खुशियों का त्याग कर आपको शिक्षा मुहैया कराई, जिससे आपका भविष्य बेहतर हो। इसलिए, यह दिन समान रूप से आप के माता-पिता का भी है।

    प्रिय छात्रों, आपने आज अपने जीवन के इस महत्वपूर्ण चरण को पूरा किया है। और अपने जीवन के इस महत्वपूर्ण दिन पर, आप अपनी दृढ़ता, कड़ी मेहनत और प्रतिबद्धता को अपने लक्ष्यों और उद्देश्यों की प्राप्ति में तब्दील होते देखकर एक निश्चित रूप से खुशी का अनुभव कर रहे होंगे। आप सभी आज अपने जीवन की एक नई दहलीज पर खड़े हैं। यह आपके लिए एक निर्णायक पल है। मुझे यकीन है कि डिग्रियों से भी अधिक, जो ज्ञान और मूल्य आपने यहां से ग्रहण किए हैं, वे आपको सदा मार्गदर्शन करे और राष्ट्र निर्माण में आप सदा संग्लग्न रहें। आपने जो भी ज्ञान और नैतिकता की बातें अपने गुरुओं से सीखी है, उसे अपने जीवन में ढालकर समाज के उत्थान करने का समय आ गया है। देश का भविष्य आपके हाथों में है। मेरी हृदय से यह इच्छा है कि आप जहाँ भी जाएं, अपने कार्य के कारण अपने माता-पिता, अपने विद्यालय, विश्वविद्यालय, अपने सिक्किम और अपने देश का नाम ऊँचा करें और इसे गर्व से उच्च करें।
    जैसा कि हम जानते हैं कि शिक्षा का महत्व केवल एक विशेष व्यक्ति के लिए ही नहीं है, बल्कि यह समाज के सभी वर्गों के लिए है, यह हमारे समाज की सांस्कृतिक और आर्थिक संरचना को सुधार सकता है और समाजिक सामंजस्य को बढ़ावा दे सकता है। इस विश्वविद्यालय के स्रातक के रूप में, आपके पास विज्ञान, सामाजिक विज्ञान, मानविकी, कानून और अन्य विषयों के ज्ञान हैं जो आपने हासिल किया है उसका उपयोग द्वारा सामाजिक परिवर्तन लाने की जिम्मेदारी आपके कन्धों पर है। भारत युवाओं का देश है, 65

    फीसदी इस देश के युवा राष्ट्र को आकर देने में भरपूर सामर्थ्य रखते हैं। आप नवाचार, अनुसंधान और विकास के माध्यम से ही समाज में सकारात्मक परिवर्तन ला सकते हैं और गरीबी, बेरोजगारी सहित कई समस्याओं का समाधान कर सकते हैं। जीवन में अनेक चुनौतियाँ सामने आएँगी, इसका डटकर मुकाबला करें ।
    भारत रत्न अटल बिहारी बाजपेयी जी कहते थे-
    क्या हार में,
    क्या जीत में
    किंचित नहीं भयभीत मैं
    कर्तव्य पथ पर जो भी मिला
    यह भी सही वो भी सही
    वरदान नहीं मांगूंगा
    हो कुछ पर हार नहीं मानूंगा।

    मैं आप सभी से जीवन में अटल जी की इन पंक्तियों को चरितार्थ करने का आग्रह करता हूँ।

    प्यारे बच्चों
    21 वी सदी भारत की सदी है ,तकनीक की सदी है |तकनीक में एक अद्वितीय शक्ति है, और आप इस शक्ति के सच्चे अधिनायक हैं। आप सभी से अनुरोध है कि आप अपने तकनीकी गुणों को भी निखारें और नई ऊँचाइयों की दिशा में कदम बढ़ाएं। इस क्षेत्र में नवाचारों के साथ आगे बढ़े | जैसे की आज माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में स्टार्ट अप इंडिया, स्टैंड अप इंडिया, मेक इन इंडिया और डिजिटल इंडिया जैसी कई कल्याणकारी सरकारी योजनाएं शुरू की गई हैं जिसका आप भरपूर लाभ उठाएं और भारत को आत्मनिर्भरता बनाने की की दिशा में अपना योगदान दें । आप नौकरी प्राप्तकर्ता से अधिक नौकरी प्रदाता बने | सबसे बड़ी सेवा वही होती है, जब आप अपना काम निस्वार्थ भाव से कुशलता पूर्वक करते हैं। अगर आप बदलेंगे तो ही देश बदलेगा। अब आपकी बारी है, आप किस प्रकार समाज में एक उदाहरण की तरह अपने आप को प्रस्तुत करते हैं और भारत को विकसित देश की श्रेणी में ले जाने के लिए कार्यरत होते हैं।

    इस अवसर को महत्वपूर्ण बनाने के लिए यहाँ के विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. जगन्नाथ पटनायक जी सम्पूर्ण संकाय और उनकी समर्पित टीम को बधाई देता हूँ और उनके नेतृत्व में यह विश्वविद्यालय सदा ऊर्जा और गतिशीलता प्राप्त करे ।

    अंत में एक बार फिर आप सभी को शुभकामनाएँ देता हूँ और ईश्वर से प्रार्थना करता हूँ कि आप सभी को व्यक्तिगत व समग्र मानवीय कल्याण हेतु अपेक्षित शाक्ति, साहस तथा विवेक प्रदान करें, विश्वविद्यालय द्वारा दी जा रही शिक्षा युवाओं के अन्दर ज्ञान, व्यवसायिक दक्षता और भारतीय मूल्यों के विकास के साथ साथ वसुधैव कुटुम्बकम् को स्थापित करने के लिए पूर्ण रूप से सक्षम हो इसी कामना के साथ आप सबका बहुत बहुत धन्यवाद!

    जय हिन्द! जय भारत! जय सिक्किम !