25.03.2023 : Speech of Hon’ble Governor on the occasion of 1st Convocation of Khangchendzonga State University.
कञ्चनजङ्घा राज्य विश्वविद्यालय, सिक्किम को पहिलो दीक्षांत समारोहमा उपस्थित सबै सबैमा मेरो धेरै धेरै शुभकामाना। आजको यस गरिमामय समारोहमा उपस्थित –
1.सिक्किम विधान सभा का माननीय अध्यक्ष श्री अरुण उप्रेत्ति ज्यू .
2.सिक्किम सरकार का माननीय शिक्षा मंत्री श्री कुंगा नीमा लेप्चा ज्यू
3.कञ्चनजङ्घा विश्वविद्यालय को उपकुलपति डा. आशिष शर्मा
4.रजिस्ट्रार ,श्री कर्मा सोनाम भोटिया,
5.राज्य सरकार को वरिष्ठ अधिकारीगण,
6.विश्वविद्यालय को शासन परिषद्, कार्यकारी परिषद्,
7.विभिन्न महाविद्यालय को प्राचार्यगण,
8.उपस्थित मेरो प्यारे विद्यार्थी गण, उपस्थित दीदी, बहिनी ,दाजु भाई हरु
9.तपाई सबैलाई मेरो प्यारो अनि न्यानो अभिनन्दन।
सिक्किम राज्य के राज्यपाल और कञ्चनजङ्घा विश्वविद्यालय, सिक्किम के कुलपति के रूप में विश्वविद्यालय के पहले दीक्षांत समारोह में उपस्थित होना मेरे लिए प्रसन्नता की बात है। यह सम्पूर्ण सिक्किम राज्य के लिए भी बहुत बड़ी उपलब्धि है और खुशी का दिन है| विशेष रूप से आज इस विश्वविद्यालय में स्नातक उपाधि प्राप्त करने वाले छात्रों और उनके गौरवान्वित अभिभावकों के बीच उपस्थित होकर मैं अति प्रसन्नता का अनुभव कर रहा हूँ। इस अवसर पर मैं उपकुलपति डॉ. आशीष शर्मा संकाय,शिक्षक एवं विद्यार्थियों को इस उल्लेखनीय उपलब्धि के लिए बधाई देता हूँ।
मुझे पूर्ण विश्वास है कि भविष्य में यह विश्वविद्यालय सिक्किम की उच्च शिक्षा व्यवस्था को अव्वलता प्रदान करते हुए ख्याति प्राप्त संस्थान के रूप में खड़ा होगा| कञ्चनजङ्घा विश्वविद्यालय भविष्य में समुचित आवश्यक क्षमता, ज्ञान, अनुसंधान और सभी संसाधन प्राप्त करे, मेरी शुभकामनाएं ।
मैं आशा करता हूँ कि दक्षिण सिक्किम के तार्कु में कञ्चनजङ्घा विश्वविद्यालय के निज कैंपस के निर्माण कार्य जल्द ही पुरा होगा और वर्तमान शिक्षा नीति के अनुसार सभी विषयों में अध्ययन, शोध आदि व्यवस्थित रूप से सञ्चालित होगा|
जिस तरह विश्वविद्यालय में अभी केवल नेपाली और संस्कृत भाषा साहित्य का ही अध्ययन हो रहा हैं, भारत और दुनिया की सबसे प्राचीन और समृद्ध भाषा संस्कृत का इस विश्वविद्यालय में अध्ययन होना राष्ट्रीय संस्कृति के संरक्षण और संवर्धन की दिशा में किया गया अति उत्तम कार्य है| दुनिया की सबसे सक्षम और समृद्ध भाषा संस्कृत भारत की पहचान है। भले ही आज संस्कृत भाषा जनभाषा की रूप में अन्य भाषाओँ की तरह सम्पर्क में नहीं है मगर भारत सरकार का यह लक्ष्य है की संस्कृत भाषा को फिर से विश्व स्तर पर सबसे बड़ी सम्पर्क भाषा के रूप में पहचान दिला सके|
सिक्किम में संस्कृत भाषा को विस्तार किए जाने और सम्मान प्रदान किये जाने को देखकर मैं बहुत प्रसन्न हूँ । सिक्किम के नेपाली भाषा साहित्य की विकास के साथ साथ संस्कृत भाषा के प्रति रूचि ऐसे ही बरकरार रहे| शिक्षा ही एक ऐसी मशाल है जिसके साहारे हम अपने समाज, राज्य, देश के भविष्य को उन्नति ,प्रगति के मार्ग की ओर ले जा सकते हैं |
प्यारे विद्यार्थीयों,
दीक्षांत समारोह हमेशा से ही एक ऐसा विशेष अवसर होता है, जिसमें हम शुरू के वर्षों में की गयी कड़ी मेहनत को लक्ष्यों की प्राप्ति व सफलता की प्राप्ति से जुड़ते हुए देखते है। यह एक ऐसी यात्रा रहती है जो शायद अस्थायी कदमों के साथ शुरू होती है और हमें ऊँचाइयों तक ले जाती है। कञचनजङ्घा राज्य विश्वविद्यालय का यह पहला सफर है जो दीक्षांत तक की शिखर में कदम रख चुकी है। भविष्य में यह विश्वविद्यालय और तरक्की करेगी और सिक्किम के लिए शिक्षा की रोशनी बनेगी।
प्रिय विद्यार्थियों |
आप सभी आज अपने जीवन की नई दहलीज पर खड़े है | यह आपके लिए एक निर्णायक पल है | इस गरिमामयी समारोह में विश्वविद्यालय से स्नातक उपाधि प्राप्त करने वाले सभी विद्यार्थियों को मेरी बहुत बहुत शुभकामनाएं | मै आप सभी के उज्जवल भविष्य की कामना करता हूँ |
अंत में एक बार फिर सभी को शुभकामनाएं देता हूँ और ईश्वर से प्रार्थना करता हूँ की आप सभी को व्यग्तिगत व समग्र मानवीय कल्याण हेतु अपेक्षित षक्ति साहस तथा विवेक प्रधान करें |
जय भारत | जय सिक्किम |