05.10.2024 : Message of Hon’ble Governor on the Birth Anniversary of Late Nar Bahadur Bhandari, the second Chief Minister of democratic Sikkim. (In English & Hindi)
In his message, Hon’ble Governor said, ‘as we observe the birth anniversary of Late Shri Nar Bahadur Bhandari, the legendary Chief Minister of Sikkim, we remember his commendable works in shaping Sikkim developmental path at the early state of its democratic transition. His 15 years long term witnessed the basic foundation of Sikkim’s infrastructural development, particularly roadways, schools, drinking water and electricity, and hospitals.
His love and commitment towards Sikkim is often reflected in his most famous quote “Ma Marey Pani Mero Sikkim Bachi Rahos” (Even If I Die, May My Sikkim Lives Till Eternity). A personage of great vision, he has sown the seed for Sikkim’s swift transformation to modernity.
To a statesman of such magnitude, I offer my homage and call upon my fellow citizens to celebrate his life. As we stand today celebrating 50th Anniversary of our Statehood, let us commit ourselves to work in the footsteps left behind by him for a Sunaulo Samirddha and Saamarth Sikkim”.
सिक्किम के माननीय राज्यपाल श्री ओम प्रकाश माथुर ने सिक्किम के द्वितीय माननीय मुख्यमंत्री श्री नर बहादुर भंडारी की जयंती के अवसर पर संदेश प्रेषित किया है।
अपने संदेश में माननीय राज्यपाल ने कहा, “सिक्किम के द्वितीय माननीय मुख्यमंत्री श्री नर बहादुर भंडारी जी की जयंती के अवसर पर सभी प्रदेशवासियों को बधाई। श्री भंडारी ने राज्य की लोकतांत्रिक व्यवस्था को प्रारंभिक चरण में आकार प्रदान करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उनके 15 वर्षों के लंबे कार्यकाल में सिक्किम के बुनियादी ढांचे विशेष रूप से सड़क, बिजली, पानी, शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में विकास की नींव रखी गई।
उन्होंने सिक्किम को विकसित करने और नेपाली भाषा को मान्यता दिलाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया। उनकी दूरदर्शिता और नेतृत्व ने सिक्किम को आधुनिकता की ओर एक महत्वपूर्ण दिशा प्रदान की है।
सिक्किम के प्रति उनका प्रेम और समर्पण उनके सबसे प्रसिद्ध उद्धरण ‘म मरे पनि मेरो सिक्किम बाची रहोस’ (भले ही मैं मर जाऊं, मेरा सिक्किम अनंत काल तक जीवित रहे) में अक्सर झलकता है। ऐसी महान दूरदर्शी व्यक्तित्व को मैं अपनी श्रद्धांजलि अर्पण करता हूँ।
आज जब हम अपने राज्य के 50 वें स्थापना वर्ष में प्रवेश कर चुके हैं , आइए हम उनके पदचिन्हों पर चलने का संकल्प लें और सुनौलो, समृद्ध अनि समर्थ सिक्किम के निर्माण में अपना योगदान प्रदान करें ।”