11.03.2025 : आज केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय में पुण्यश्लोक देवी अहिल्या बाई होलकर त्रिशताब्दी जयंती वर्ष समारोह का आयोजन किया गया, जिसमें माननीय राज्यपाल मुख्य अतिथि के रूप में सम्मिलित हुए।
सिक्किम महिला सशक्तिकरण का जीवंत उदाहरण-माननीय राज्यपाल
आज रानीपूल स्थित केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय में पुण्यश्लोक देवी अहिल्या बाई होलकर त्रिशताब्दी जयंती वर्ष समारोह का आयोजन किया गया, जिसमें सिक्किम के माननीय राज्यपाल श्री ओम प्रकाश माथुर मुख्य अतिथि के रूप में सम्मिलित हुए। यह समारोह भारतीय संस्कृति के अनुरूप दीप प्रज्वलन के साथ शुरू हुआ।
अपने संबोधन में माननीय राज्यपाल ने होल्कर साम्राज्य की महारानी अहिल्या बाई होलकर के जीवन को न केवल महिलाओं के लिए बल्कि समूचे मानव जाति के लिए अनुकरणीय उदाहरण बताया एवं उपस्थित सभी से अपने गौरवशाली भारतीय इतिहास से रूबरू होने का आह्वान किया है।
उन्होंने विभिन्न कालखंडों में महिलाओं के योगदान को रेखांकित करते हुए महिला सशक्तिकरण के वर्तमान पहलुओं पर भी ध्यान आकर्षित किया ।
माननीय राज्यपाल ने अपने सिक्किम के ग्रामीण क्षेत्रों में भ्रमण के अनुभवों ko साझा करते हुए कहा कि सिक्किम राज्य महिला सशक्तिकरण का जीवंत उदाहरण हैं।यहाँ अधिकतर महिलाएं स्वावलंबी एवं आत्मनिर्भर हैं ।महिलाएं राज्य तथा देश की जी डी पी में महत्त्वपूर्ण योगदान प्रदान कर रहीं हैं।
राज्यपाल महोदय ने अपने संबोधन में माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी की अगुवाई में नारी सशक्तिकरण के लिए उठाए गए उल्लेखनीय कदमों पर भी प्रकाश डाला।नारी वंदन अधिनियम और तीन तलाक बिल का उल्लेख करते हुए कहा कि इन कानूनों ने महिलाओं की स्थिति को सुदृढ़ बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
राज्यपाल महोदय ने भारतीय संस्कृति में मातृशक्ति को तपस्या, त्याग और समर्पण का प्रतीक बताया। उन्होंने देश और राज्य की सशक्त महिलाओं का उल्लेख करते हुए कहा कि उनके कार्यों से मानवता को नया आयाम मिला है। राज्यपाल महोदय ने मातृशक्ति को और अधिक सशक्त बनाने के लिए निरंतर सहयोग और प्रयास की आवश्यकता पर जोर दिया।
इस कार्यक्रम का आयोजन महिला समन्वय और संस्कार भारती द्वारा किया गया था। कार्यक्रम के दौरान विभिन्न वक्ताओं ने पुण्य श्लोक माता अहिल्या बाई होलकर के धार्मिक और सामाजिक कार्यों पर प्रकाश डाला। इसके अलावा, समुह गीत की प्रस्तुति भी दी गई, जो माता अहिल्या बाई होलकर के जीवन और कार्यों पर आधारित था।
इसके अतिरिक्त, कार्यक्रम में लोक नृत्य की भी मनमोहक प्रस्तुति दी गई।