14.05.2025 : प्रेस क्लब ऑफ़ सिक्किम कॉन्क्लेव के उद्घाटन सत्र में संबोधन
प्रेस क्लब ऑफ़ सिक्किम कॉन्क्लेव के उद्घाटन सत्र में संबोधन
14 मई, 2025
यह मेरे लिए सम्मान और सौभाग्य की बात है कि मैं सिक्किम राज्य की पचासवीं वर्षगांठ के अवसर पर प्रेस क्लब ऑफ सिक्किम द्वारा आयोजित Golden Jubilee Conclave के इस समारोह को संबोधित कर रहा हूँ। मैं प्रेस क्लब ऑफ सिक्किम और सूचना एवं जनसंपर्क विभाग, सिक्किम सरकार को बधाई देता हूँ, जिन्होंने राज्य के इस महत्वपूर्ण वर्ष में इस समारोह का आयोजन किया है।
यह सम्मेलन गर्व और आत्मचिंतन का क्षण है। यह सिक्किम की लोकतांत्रिक यात्रा के 50 वर्षों का प्रतीक है, जब हमने भारतीय गणराज्य के सदस्य के रूप में अपनी पहचान स्थापित की। यह हमारे सामूहिक उपलब्धियों को स्मरण करने, बदलती हुई चुनौतियों को समझने और प्रगति के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को पुनः सुदृढ़ करने का समय है। इसके साथ ही, इस सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य सिक्किम और इसकी गोल्डन जुबली समारोह को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाना है।
आज के सम्मेलन का प्रारूप—अतीत और भविष्य दोनों पर ध्यान केंद्रित करता है—जो बेहद समयानुकूल और विचारशील है। जब हम अपने अब तक के सफर पर चिंतन कर रहे हैं, हमें एक महत्वपूर्ण प्रश्न भी उठाना चाहिए: सिक्किम का भविष्य क्या होगा? वैश्विक स्तर पर हो रहे तीव्र बदलाव—चाहे वह तकनीकी, आर्थिक, पर्यावरणीय या सामाजिक हों—इस प्रश्न को और भी महत्वपूर्ण बना देते हैं।
यह सम्मेलन न केवल सिक्किम की उपलब्धियों को संजोने का अवसर है, बल्कि इसके उज्ज्वल भविष्य को आकार देने के लिए सामूहिक सोच विकसित करने का भी अवसर है।
सिक्किम हमारे देश के सामरिक परिदृश्य में एक अद्वितीय और महत्वपूर्ण स्थान रखता है। इसकी सीमाएँ चीन, नेपाल और भूटान से लगती हैं, और बांग्लादेश भी निकट है, जिससे यह राष्ट्रीय सुरक्षा और क्षेत्रीय सहयोग में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। माननीय मुख्यमंत्री द्वारा हाल ही में प्रस्तुत बजट भाषण में इस बात को रेखांकित किया गया था कि राज्य की रणनीतिक भूमिका वर्तमान परिदृश्य में और अधिक महत्वपूर्ण हो गई है।
माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में, भारत सरकार ने 2014 के बाद से उत्तर पूर्वी और सीमा क्षेत्रों के एकीकरण और विकास में असाधारण प्रगति की है। एक्ट ईस्ट पॉलिसी, वायु और रेल संपर्क का विस्तार, और सड़क विकास के लिए बढ़ा हुआ बजट जैसे कई प्रयासों ने इस क्षेत्र की प्रगति में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम एक ऐतिहासिक पहल है, जो हमारे सीमा क्षेत्रों के समुदायों को बुनियादी ढांचे, आजीविका के अवसरों और आवश्यक सेवाओं से सशक्त बनाने के लिए बनाई गई है।
समावेशी विकास का मॉडल यह सुनिश्चित करता है कि हमारी सीमा के निवासी आत्मनिर्भर हों और हमारे युवा राज्य के भीतर ही उज्ज्वल भविष्य की संभावनाएँ खोज सकें। हालांकि, कुछ महत्वपूर्ण क्षेत्र हैं जिनपर हमें ध्यान केंद्रित करना चाहिए और यही आज के सम्मेलन का मुख्य विषय हैं। हम NH 10 पर चर्चा कर रहे हैं, जो सिक्किम की जीवनरेखा है, और उत्तर सिक्किम राजमार्ग जो हमारी सशस्त्र सेनाओं को अंतरराष्ट्रीय सीमाओं से जोड़ता है। ये दोनों महत्वपूर्ण राजमार्ग अतिवृष्टि से प्रभावित रहते हैं |
बादल फटना और असामान्य मानसून हर साल सिक्किम में सड़क मार्ग में अवरोधों का कारण बनते हैं, और शायद अब समय आ गया है कि हम अपनी सड़कों को इस संकट से बचाने के लिए एक अलग दृष्टिकोण अपनाएँ।
पूरे NH 10 का खंड—जो पश्चिम बंगाल के सेवोक से सिक्किम के गंगटोक तक फैला है—पिछले अक्टूबर में भारत सरकार द्वारा NHIDCL को सौंप दिया गया था और हम उम्मीद करते हैं कि सिक्किम के प्रमुख मार्ग का प्रबंधन बेहतर और मजबूती से किया जाएगा | NHIDCL मानसून से पहले NH 10 के कमजोर हिस्सों की मरम्मत और मजबूती के लिए कड़ी मेहनत कर रहा है।
इस महत्वपूर्ण चर्चा के माध्यम से हम सिक्किम की रणनीतिक और बुनियादी ढांचागत चुनौतियों पर व्यापक सोच विकसित कर सकते हैं, जिससे राज्य का निरंतर विकास सुनिश्चित हो।
इस बीच, सिक्किम रेलवे लिंक अब लगभग पूरा होने की कगार पर है, जिससे यह सीमावर्ती राज्य पूरे देश से जुड़ने जा रहा है। सेवोक-रंगपो रेलवे परियोजना की आधारशिला 2009 में रखी गई थी, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार बनने के बाद इस महत्वपूर्ण परियोजना को अपेक्षित गति और प्राथमिकता मिली है ।
पाक्योंग हवाई अड्डा, जो सिक्किम का एकमात्र हवाई अड्डा है, तकनीकी कारणों से अब तक पूर्ण रूप से उपयोग में नही आ रहा है | नागरिक उड्डयन मंत्रालय इस विषय पर गंभीरता से कार्य कर रहा है, और हमें निकट भविष्य में सकारात्मक परिणामों की उम्मीद है।
यह सम्मेलन सिक्किम में व्यापक निवेश संभावनाओं को उजागर करने का एक महत्वपूर्ण अवसर भी है। इको-टूरिज्म और आतिथ्य से लेकर जैविक खेती, हरित ऊर्जा और रचनात्मक उद्योगों तक, सिक्किम सतत और उच्च-मूल्य निवेश के लिए एक आकर्षक गंतव्य प्रस्तुत करता है। सही रणनीतियों और साझेदारी के साथ, ये क्षेत्र आर्थिक विकास को गति देने के साथ-साथ हमारे पर्यावरण और सांस्कृतिक विरासत की रक्षा करने में भी सहायक हो सकते हैं।
जब हम अपनी विकास संबंधी उपलब्धियों का जश्न मना रहे हैं, तो यह भी महत्वपूर्ण है कि हम अपनी अद्वितीय पहचान को पुनः सुदृढ़ करें। पिछले पांच दशकों में, सिक्किम ने भारतीय संघ में सफलतापूर्वक समाहित होकर भी अपनी विशिष्ट पहचान को बनाए रखा है।
हमारे संविधान के अनुच्छेद 371F ने इस संतुलन की सुरक्षा सुनिश्चित की है। यह संतोषजनक है कि भारत सरकार ने हमेशा इस प्रावधान का सम्मान और संरक्षण किया है।
माननीय केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह ने संसद में कई अवसरों पर अनुच्छेद 371F की पवित्रता और सिक्किम की विशेष स्थिति को बनाए रखने की केंद्र सरकार की प्रतिबद्धता को दृढ़ता से दोहराया है।
हम अपने प्रतिष्ठित वक्ताओं, विशेष रूप से राज्य के बाहर से आने वाले विशेषज्ञों के विचार सुनने के लिए उत्सुक हैं कि राष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य में सिक्किम को कैसे देखा जाता है। उनके विचार, हमारी भारत के साथ एकीकरण प्रक्रिया, और हमारे लोगों की विकसित होती आकांक्षाओं के बारे में, भविष्य की तैयारी के लिए बेहद महत्वपूर्ण और मूल्यवान होंगे।
मुझे यह देखकर प्रसन्नता हो रही है कि सिक्किम और देश के विभिन्न हिस्सों से प्रमुख पत्रकार, विद्वान और नीति निर्माता इस सम्मेलन में पैनलिस्ट के रूप में भाग ले रहे हैं। उनके विचार और सुझाव इस कार्यक्रम को निश्चित रूप से लाभदायक बनाएंगे और साथ ही हमारी सरकार के ‘सुनौलो, समृद्धि, समर्थ सिक्किम’ के लक्ष्य को साकार करने में महत्वपूर्ण योगदान देंगे।
आज जब हम यहां एकत्रित हुए हैं, तो 50 वर्षों की इस स्वर्णिम यात्रा को केवल एक ऐतिहासिक उपलब्धि के रूप में नहीं, बल्कि भविष्य की ओर बढ़ने के एक महत्वपूर्ण पड़ाव के रूप में देखना चाहिए। यह सम्मेलन नए विचारों को प्रोत्साहित करे, प्रतिबद्धता को प्रेरित करे, और एक मजबूत, समृद्ध और समावेशी सिक्किम की नींव रखे।
धन्यवाद।
जय भारत!
जय सिक्किम !